न्यूज डेस्क उत्तर प्रदेश शंखनाद

बलिया। पूर्वांचलवासियों को बड़ी सौगात के रूप में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मिलने जा रहा है। जून माह में पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा एक्सप्रेस-वे। देश के सबसे लंबे ३४० किमी वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चलने का सपना इसी माह साकार होने जा रहा है। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो जून के अंतिम सप्ताह एक्सप्रेस-वे के दोनों साइड के कुल छह लेन पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा। एक्सप्रेस वे अंतिम छोर गाजीपुर जनपद के हैदरिया से आजमगढ़ के छठिआंव तक कुल ४६ किमी तक की एक साइड आवागमन के लिए तैयार है। इसके लिए यूपीडा शासन के आदेश का इंतजार कर रहा है। शासन का आदेश आते ही चार पहिया वाहनों का संचालन कर एक्सप्रेस-वे पर ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि कोविड काल में बिहार, बंगाल, ओढि़सा, सिक्किम आदि कई राज्यों के आए साठ फीसदी मजदूरों की दिक्कतें यूपीडा झेल रहा है। बावजूद आधे से कम मजदूरों के साथ एक्सप्रेस-वे को अंतिम रूप में देने में यूपीडा के अधिकारी दिनरात लगे हुए हैं। उप्र के पूर्वी के हिस्से के प्रगति एवं विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, अमेठी और अयोध्या के अतिरिक्त आर्थिक रूप से कमजोर कम विकसित जनपदों आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोडऩे के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रारंभ किया।
गाजीपुर, आजमगढ़ तो बलिया क्यों नहीं?
बलिया। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के गृह जनपद बलिया को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से कब जोड़ा जाएगा इसका कोई धरातल पर वर्क नहीं दिखाई दे रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने ये घोषणा किया है कि बलिया मुख्यालय पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा। बलिया के लोगों की मानें तो उनका यह कहना है कि हम लोग जानना चाहते हैं कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से बलिया कैसे जुड़ेगा और कहां से जुड़ेगा। विभागीय सूत्र से जानकारी यह मिल रही है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया से जोडऩे के लिए जमीन का सर्वे हो रहा है। जैसे ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्ण रूप से चालू हो जाएगा उसके बाद बलिया भी जुड़ जाएगा।