:- रवि शंकर शर्मा!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज 26 नवंबर को पटना में शपथ ग्रहण समारोह हुआ ,
यह शपथ ग्रहण किसी सरकार,मुख्यमंत्री, मंत्री या विधायक का नहीं था बल्कि मध्य निषेध को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा आवाहन किया गया था।
कि सभी सरकारी कर्मी अधिकारी मंत्री विधायक शराब के विरोध में यह शपथ ले कि न हम पिएंगे न पीने देंगे। अब सवाल यह उठता है कि 4 वर्ष पहले भी शराबबंदी को लेकर शपथ लिया गया था उसका अब तक कितना असर हुआ? दूसरा सवाल यह भी है कि शराबबंदी को लेकर आज जो शपथ लिया गया है उसके बाद क्या शराब की तस्करी बंद हो जाएगी? क्या लोग शराब पीना छोड़ देंगे?
यह वही देश है जहां लोग गीता और कुरान पर हाथ रखकर अदालतों में झूठ बोला करते हैं!
हालांकि इसे सकारात्मक रूप में देखा जाना चाहिए! लेकिन दुर्भाग्य यह है कि शराबबंदी ने 25 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को जिसमें महिलाएं भी शामिल है उनमें एक बड़ा वर्ग आज अपराधी बन चुका है जो बेहद चिंताजनक विषय है।
इसका जिम्मेदार कौन है? दरअसल सरकार को यह चाहिए कि वह शराबबंदी बिल्कुल करें लेकिन साथ में रोजगार का सृजन करें ताकि अपराध की राह पर अग्रसर युवा वापस मुख्यधारा में शामिल हो सकें और सही मायने में जब युवा तस्करी करना छोड़ देंगे तो शराबबंदी भी काफी हद तक सफल मानी जाएगी।