रिपोर्ट- आशुतोष पांडेय!
आज पी जी मनोविज्ञान विभाग वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी आरा के दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ न्यू केंपस जीरो माइल आरा में आयोजित किया गया। सेमिनार का शीर्षक था डिजिटल युग में खुशहाली का मार्ग प्रशक्त करना एवं मानव विकास में प्रौद्योगिकी की भूमिका की खोज। सेमिनार की शुरुआत दीप प्रज्वलन, मंगलाचरण एवं शंख ध्वनि से किया गया। इस अवसर पर अनेक दिग्गज मनोवैज्ञानिकों ने भाग लिया। पहले सत्र के सेशन में प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्रा लाइफ टाइम प्रोफेसर एस एल वाया ने संबोधित किया। प्रथम सत्र में ही सुविनियर एवं पुस्तक जिसका शीर्षक था well being and technology का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कुलपति, कुलसचिव ,प्रॉक्टर ,आईपीए के अध्यक्ष तारिणी जी की गरिमामई उपस्थिति रही। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्रा ने अपने संबोधन में बताया कि टेक्नोलॉजी के लगातार इस्तेमाल से हमारी संज्ञानात्मक आवश्यकताओं का स्वरूप बदल रहा है। स्मृति में क्या रहेगा और क्या नहीं रहेगा यह हमारे मोबाइल तय करता है। हमें अपने स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने के लिए आत्म नियंत्रण के उपाय को अपनाना होगा। लाइफटाइम प्रोफेसर एस एल वाया जी ने विपश्यना तकनीकी को WELL BEING के लिए महत्वपूर्ण बताया एवं इसे सभी जगह लागू करने पर बोल दिया। इन्होंने मनोविज्ञान का मुख्य कार्य दुखों का अंत करना बताया हम जब कोई गलत कार्य करते हैं तो व्याकुल मन खुद ही हमें सजा देता है जो की बेचैनी घबराहट आदि के रूप में व्यक्त होता है जो की नौसर्गिक दंड है। IPA के अध्यक्ष प्रोफेसर तारिणी जी ने अपने संबोधन में मनोविज्ञान के शिक्षक और विद्यार्थियों को समाज के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया और अपनी चार दिवारी से बाहर आने का आवाहन किया। कुलसचिव प्रोफेसर रणविजय कुमार ने सभी बाहर से आए आगंतुकों का आभार व्यक्त किया एवं डिजिटल विद्यालय किस तरह से आगे बढ़ रहा है इस पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने मनोविज्ञान को सभी विषयों की जननी कहा। इसके साथ ही अपनी मातृभाषा के महत्व को समझाते हुए अपनी मातृभाषा में ही सोचने समझने और सपनों के साकार करने पर बोल दिया। इस अवसर पर अनेक शिक्षक गण और शोधार्थी शामिल हुए। मंच संचालन डॉक्टर प्रियंका पाठक एवं डॉक्टर वाचस्पति दुबे ने किया। सेमिनार में मीडिया प्रभारी अभिषेक तिवारी उर्फ गोलू की भी उपस्थिति रही ।डॉ वॉचेसपति दुबे ने प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्रा पूर्व कुलपति एवं प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी वीर कुंवर सिंह के कुलपति के जीवन परिचय एवं शैक्षणिक योग्यता को संचालन करते समय उल्लेख किया