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गिरते कानून व्यवस्था पर भाजपा ने उठाये सवाल !

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रवि शंकर शर्मा की रिपोर्ट !

गिरते कानून व्यवस्था,बढ़ते अपराध, पुलिस की कार्यशैली पर नीतीश सरकार को सिर्फ विपक्ष के आरोपों का सामना करना ही नही पड़ रहा बल्कि अब सरकार में शामिल सबसे बड़ा घटक दल भारतीय जनता पार्टी ने भी सीधे सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं।
बिहार पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठते रहे हैं, थानाध्यक्षों का खुद को खुदा समझ बैठना अब एक सामान्य प्रक्रिया हो गई है, थानेदारों की मनमर्जी से ना सिर्फ आम आवाम परेशान है बल्कि सत्ताधारी दल भी घुटन महसूस करने लगे हैं।
बीच के डेढ़ साल को छोड़ दिया जाय तो भाजपा लगातार सत्ता में रही है, इसके बाबजूद पुलिस प्रशासन अगर भाजपा के दिग्गज नेताओं तक की अनदेखी और अनसुनी करती रही है तो इसके पीछे भी भाजपा की सत्ता लोलुपता और लचर रवैया ही उसका कारण रहा है।
नीतीश कुमार के साथ लगातार सत्ता शेयर करने वाले सुशील मोदी भाजपा के वन मैन आर्मी बने रहे, सुशील मोदी 15 वर्षों में नीतीश कुमार के पीछे चलने के अलावा कुछ नही कर सके! इससे जहाँ भाजपा नेताओं की स्थिति कमजोर होती गई वहीं जदयु नेताओं की स्थिति और पकड़ प्रशासन पर मजबूत होती चली गई।
आज आलम यह है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को यह कहना पड़ता है कि वे गिरते कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस महानिदेशक से मिलेंगे। किसी सत्ताधारी दल के लिये जिसकी स्थिति सरकार में इतनी मजबूत हो, जिसके दो दो डिप्टी सी एम हों उसके तरफ से ऐसा बयान आना हास्यास्पद भी है और दुखद भी। हास्यस्पद इसलिये की आपने इतने साल सत्ता में रहकर आखिर क्या किया? पुलिस तंत्र इस तरह आखिर कैसे निरंकुश होती चली गई? और दुखद इसलिये कि अगर सत्ता के सबसे बड़े साझेदार के द्वारा इस तरह के सवाल उठाये जायें तो फिर आम आवाम के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। भाजपा
प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल ने बकायदा अपना दर्द सोशल मीडिया पर बयां किया है। उन्होंने जो लिखा है उससे प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति का सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है, साथ ही ये भी समझना आसान हो जाता है कि सरकार और प्रशासन में सबसे बड़े दल होने के बाद भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का कितना महत्व है।
आज ये बात इसलिये खुलकर सामने आई क्योंकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को तकलीफ महसूस हुई !
विपक्ष तो पहले से हमलावर था ही भाजपा ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाकर सरकार के समक्ष दुविधा उतपन्न कर दी है, इसमे कोई दो राय नही की प्रशासन और पुलिस जदयु के नेताओं में सी एम के बाद इक्के दुक्के नेताओं की ही सुनती है और यही इक्के दुक्के नेताओं द्वारा प्रशासन और पुलिस को जहाँ बंधक बना रखा गया है वहीं बदमाशों, भ्रष्टाचारियों और अपराधियों को खुलेआम संरक्षण दिया जा रहा है। ये स्थिति आने वाले समय के लिये भयावह संकेत है। अब बारी भाजपा की है, जनता के विश्वास की है । हालाँकि नीतीश कुमार इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं या भाजपा कितना दबाव बना पाती है ये देखना दिलचस्प होगा।

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