:- रागिनी शर्मा !

वैश्विक महामारी के दौर में भारतीय रेल लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है, फिर चाहे लॉक डाउन के दौरान लोगों को विशेष ट्रेन से घर पहुंचाने की बात हो, मोबाईल अस्पताल की, ऑक्सीजन एक्सप्रेस से विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन मुहैया कराने की बात हो रेलवे ने सराहनीय प्रयास किया है।
2020 में भी रेलवे के मोबाइल अस्पतालों ने कोरोना संक्रमितों के ईलाज में महती भूमिका अदा की थी।
वर्तमान स्थिति में जब देश के अस्पतालों में बेड्स फुल हैं और मरीजों की जान जा रही है, मरीज अस्पताल के बाहर अपनी बारी के इंतजार में दम तोड़ रहे हैं ऐसी भयावह स्थिति में एक बार फिर भारतीय रेल ने सराहनीय पहल की है।
जिसके तहत चार राज्यों को संक्रमितों की संख्या के आधार पर कोविड केअर कोच उपब्ध कराये जा रहे हैं।
रेलवे ने कुल 64 हजार बेड्स तैयार कर पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्यप्रदेश को दिये हैं।
दिल्ली को 800 बेड्स युक्त 50 कोच दिये गये हैं, इनमें चार पेशेंट का ईलाज भी जारी है, 400 बेड्स आनंद विहार टर्मिनल पर रखे गये हैं जिसे जरूरत अनुसार उपयोग में लाया जा सकता है।
महाराष्ट्र को 378 बेड्स युक्त 21 कोच उपलब्ध कराये गये हैं, जिसमे 55 मरीज ईलाजरत हैं। इसे नंदुरबार स्टेशन में रखा गया है।
मध्यप्रदेश को कुल 40 कोचेज दये गये हैं जिसमे 20 भोपाल और 20 जबलपुर जंक्शन पर ईलाज के लिये तैयार हैं।
इसके साथ ही पंजाब के लिये 50 कोचेज रवाना कर दिये गये हैं।
ये मोबाइल अस्पताल वैसे मरीजों के लिये वरदान साबित होंगे जिन्हें बेड्स की कमी के कारण अस्पतालों के बाहर इंतजार करना पड़ रहा था। ये मोबाइल अस्पताल सभी सुविधाओं से युक्त हैं। इससे भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था को बल और गति दोनो प्राप्त होगी।