रिपोर्ट- सुमित कुमार!
विश्व बैंक की मदद से देश के चार अत्यंत पिछड़े राज्यों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नीर निर्मल योजना शुरू की गई है।बिहार के अलावा इसमें झारखण्ड, उत्तर प्रदेश और असम शामिल हैं।लेकिन कई जगहों पर पदाधिकारियों एवं संवेदक के लचर रवैया को लेकर इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर को नल से जल देने का अभियान धरातल पर पूरी तरह नहीं उतर पाया है। ये मामला है मुंगेर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर अवस्थित तारापुर प्रखंड के खैरा पंचायत का । खैरा गांव में विश्व बैंक के सहयोग से नीर निर्मल परियोजना के तहत पीएचईडी विभाग ने लगभग एक करोड रुपए की लागत से जल मीनार का निर्माण कराया । इसका शुभारंभ भी 14 मई 2023 को हो चुका है। बावजूद जलमीनार से घर के अंदर तक नल का कनेक्शन नहीं दिया जा सका है। 50% से अधिक परिवार पानी के लिए परेशान है । बढ़ती गर्मी लोगों को भयावता का संकेत दे रही है। गर्मी के प्रारंभ होते ही पानी की आवश्यकता की पूर्ति जरूरतमंद किसी दूसरे के निजी बोरिंग अथवा बाहर से पटवन वाले बोरिंग से लाकर काम चला रहे हैं । खैरा पंचायत के 12, 13 एवं 14 नंबर वार्ड में पानी को लेकर लगभग हाहाकार की स्थिति है। इनमें 100 घर जिसमें महादलित टोला, कुम्हार टोला को कनेक्शन नहीं मिला है । 100 घरों को कनेक्शन होने के बावजूद भी सही तरीके से पानी की आपूर्ति नहीं मिलती है। बोरिंग को चलाने वाला कोई स्थाई व्यक्ति नहीं है ,कोई ग्रामीण कभी-कभार से ऑपरेट करते हैं।
ग्रामीण पासवान टोला की चंदा देवी कहती कि पानी नही मिलता।आदमी जानवर तक प्यासे रहते। दूसरे तीसरे का बात बोली सुनकर पानी लाते हैं।
ग्रामीण बिंदेश्वरी सिंह कहते हैं कि नलजल चलाने वाला कोई नही है। कोई गांव वाला चलाता है तब 8-10 दिन में कभी कभी कुछ देर केलिए मिलता है। लगभग 200 घर को नही मिलता।
ग्रामीण बुधो सिंह कहते है कि खैरा में जलनल का पानी नही मिलता है। बहियार से अथवा किसी के निजी घर के बोरिंग से पानी लाते हैं। हमारे तरफ 50 घर को पानी नही मिलता। सभी जगह शिकायत किये। जब से टंकी बनी है तभी से समस्या बनी हुई है।
ग्रामीण गुलशन कुमार ने कहा कि टंकी बना हुआ है। कनेक्शन घरों में नही किया है। कुम्हार टोला, पासवान टोला में भी नही गया है। 12 नम्बर वार्ड में सप्ताह में एक दिन पानी मिलता है,शेष में नही। एसडीओ को आवेदन दिए हैं,कार्यवाई नही हुई है।
ग्रामीण आक्रोशित महिला माला देवी बोली कि जब पानी केलिए मर जायेगा तब देगा। टोंटी नही दिया है। जब कोई चेकिंग आता तभी काम करता है। बोलता है आएंगे पर आता नही है। पीने का पानी बहियार के बोरिंग से लाते हैं।
वहीं इस सम्बंध में अनुमंडल पदाधिकारी राकेश रंजन कुमार ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में और प्राथमिकता पर है। पिछले सप्ताह ही पीएचईडी के सहायक अभियंता को छूटे घर को कनेक्शन देने और जलापूर्ति नियमित करने का निर्देश दिया गया था। मामला संज्ञान में आने के बाद कुछ देर पहले उनसे अद्यतन स्थिति मांगी गई। जेई के छुट्टी में रहने से कार्य नही हो पाया है।उम्मीद करें कि आने वाले दो दिनों में कार्य प्रारम्भ होगा और एक सप्ताह में समस्या का पूरी तरह से निराकरण हो जाएगा।