29 अप्रैल परशुराम जयंती अक्षय तृतीया पर विशेष, भगवान परशुराम की महिमा और पौराणिक कथा!

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रिपोर्ट- अनमोल कुमार

मोकामा ( पटना)।भगवान परशुराम ने मोकामा में रहकर ध्यान लगाया था, जिसके कारण मोकामा को नाम मुकाम हुआ और बाद में मोकामा के रूप में प्रचलित हुआ। यह भी कहा जाता है कि जनकपुर में जब श्रीराम ने धनुष तोडा था तो क्रोधित परशुराम का ध्यान भंग हुआ और यही से जनकपुर जाकर श्रीराम लक्ष्मण और परशुराम संवाद हुआ था।पूर्व छत्रपुरा का नाम मीठापुर था, जिसपर मुस्लिम शासक, मिट्ठू मियाँ राज करता था। एकदिन वह परशुराम स्थान पहुंचकर भगवान परशुराम, पुजारी और भक्तों पर परिहास करने लगा। उसने कहा कि यह सब ढोंग है, कोई भगवान या परशुराम यहाँ नहीं है। उसने पुजारी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर सच में भगवान है तो मैं एक गाय कटवाता हूँ, जिसे जिंदा कर दिखलाओ। पुजारी ने शर्त स्वीकार कर लिया। गाय को काटा गया। पुजारी ने गाय का सर धड से जोडकर, उसे लाल वस्त्र से ढ़क दिया और मंत्रोच्चारण करने लगा। कुछ क्षण बाद गाय पुर्नजीवित हो खड़ा हो गया। मिट्ठू मियाँ आश्चर्यचकित हो गया। तभी आकाशवाणी हुई कि अब इस स्थान पर मेरे प्रति चुनौतियां होने लगी है इसलिए मै अब इस स्थान से जा रहा हूँ। परन्तु भक्तों के लिए मेरी आत्मा सदैव यहाँ विराजमान रहेगा, जबतक यहाँ पीपल का बृक्ष हरा भरा रहेगा मेरी आत्मा विराजमान रहेगी। इसके बाद मिट्ठू मियाँ का सारा वंशज का नाश हो गया और परशुराम के छत्रछाया से मीठापुर का नाम छत्रपुरा हो गया। हर शुभ अवसर पर यहाँ परशुराम की पूजा होती है और लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।भगवान परशुराम की पूजा यहाँ ग्रामदेवता के रूप में किया जाता है। परशुराम के क्रोधित स्वभाव के कारण यहाँ के लोगों अपने आग से दाह संस्कार करते हैं। राजकीय मेला सह परशुराम जन्मोत्सव महायज्ञ समारोह का आयोजन 29 अप्रैल से लेकर 06 म ई 25 तक मोकामा नगर में आयोजित किया गया है।
बाबा परशुराम सेवा समिति की ओर से मिली जानकारी के अनुसार 29 अप्रैल को प्रातः 6 बजे माँ गंगा पूजन के बाद विशाल कलश यात्रा नगर भ्रमण करते हुए परशुराम स्थान पहुंचेगा, जहाँ मंत्रोच्चारण के साथ कलश की स्थापना की जाएगी।
30 अप्रैल ( अक्षय तृतीया) को परशुराम जन्मोत्सव महायज्ञ समारोह का विधिवत उद्धाटन कर यज्ञदेवता का आह्वान कर आहुति देकर मंत्रोच्चारण के साथ महायज्ञ का शुभारंभ किया जाएगा। यज्ञ का कार्यक्रम प्रतिदिन प्रातः 7 बजे से होगी।तत्पश्चात संध्या 4 बजे से कथा वाचक राधास्वरूपा श्री ऋतु साक्षी द्विवेदी के मुखारविन्द से श्रीमद्भागवत गीता का प्रवचन सुनाया जाएगा।प्रवचन का कार्यक्रम प्रतिदिन संध्या 4 बजे से होगी।
समारोह में अखण्ड रामधुनी और संकीर्तन किया जाएगा। परशुराम जन्मोत्सव महायज्ञ समारोह 6 म ई तक होगी। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बर्ष भी परशुराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।

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