रिपोर्ट: प्रीतम सुमन
ड्यूटी में घोर लापरवाही बरत रही है महिला चिकित्सक!
स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य परीक्षण में लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। वाक्या अमरपुर रेफरल अस्पताल से जुड़ा हुआ है। अब इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहें या फिर महिला चिकित्सकों की मनमानी। जानकारी के अनुसार विगत एक फरवरी को अमरपुर प्रखंड क्षेत्र में एक तेरह वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ नरकट्टा गांव निवासी त्रिवेणी मंडल द्वारा बलात्कार की घटना को अंजाम दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले को लेकर पीड़िता ने बताया कि एक फरवरी की संध्या शौच के लिए गयी थी। जहां युवक ने जबरन बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। मामले की लिखित आवेदन पीड़िता ने थाने में देकर कार्रवाई की मांग की है।अमरपुर थानाध्यक्ष अरविन्द कुमार राय एवं केस के अनुसंधान कर्ता अरूण कुमार सिंह पीड़िता को लेकर मेडिकल जांच के लिए अमरपुर अस्पताल गये, जहां से पीड़िता को बांका सदर अस्पताल भेज दिया गया। लेकिन बांका सदर अस्पताल से पीड़िता को पुन:अमरपुर अस्पताल भेज दिया गया। हद तो तब हो गयी जब अमरपुर अस्पताल में महिला चिकित्सक के रहते हुए भी पीड़िता घटना के तीसरे दिन बुधवार को तीन घंटे तक मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में बैठी रही। लेकिन महिला चिकित्सकों ने पीड़िता की जांच करना मुनासिब नहीं समझा। जबकि बुधवार के दिन रोस्टर के अनुसार महिला चिकित्सक डा दिप्ती सिन्हा, डा सुधा कुमारी एवं डा आरती ठाकुर की ड्युटी अस्पताल में है। मामले को लेकर जब संवादाता ने अस्पताल के प्रभारी डाक्टर अभय प्रकाश चौधरी से बात की तो डाक्टर चौधरी ने अविलंब जांच के लिए महिला चिकित्सक को भेजने की बात कही । वहीं थानाध्यक्ष की गुहार के बाद देर शाम भागलपुर से डाक्टर दिप्ती सिन्हा अमरपुर अस्पताल पहुंच पीड़िता की मेडिकल जांच की। बताते चलें कि बांका जिले में अमरपुर अस्पताल प्रसव के मामले में नम्बर वन पर है। लेकिन गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पताल में पदस्थापित एनएम करती हैं। महिला चिकित्सक अमरपुर बाजार में नर्सिंग हॉम खोलकर गर्भवती महिलाओं से प्रसव के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। बिहार सरकार के द्वारा स्वास्थ्य के नाम पर प्रतिमाह करोड़ों रूपये खर्च करने का दावा किया जाता है। लेकिन अस्पताल की हालत देख तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं।