वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ कर लोकतंत्र खत्म करना चाहती है सरकार- तेजस्वी यादव!

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रिपोर्ट- अमित कुमार!

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के पूर्ण निरीक्षण को लेकर सियासत गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग, भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए।

तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग बार-बार अपने आदेश बदल रहा है और उसकी कार्यशैली से ऐसा लग रहा है जैसे यह पूरा अभियान किसी राजनीतिक दल के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि बिना सर्वदलीय बैठक और तैयारी के इतनी बड़ी प्रक्रिया क्यों शुरू की गई, वह भी तब जब चुनाव सिर्फ कुछ महीनों दूर है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह अभियान गरीबों और अल्पसंख्यकों का नाम वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश है। उन्होंने कहा, अगर यही वोटर लिस्ट फर्जी है तो फिर इसी सूची से प्रधानमंत्री मोदी कैसे चुने गए?
तेजस्वी ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर भी निशाना साधते हुए उन्हें “मिस्टर इंडिया” करार दिया और कहा कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए।

तेजस्वी यादव ने अपनी पांच मांगें रखीं

  1. चुनाव आयोग अपने सभी आदेश तत्काल रद्द करे।
  2. 2003 की वोटर सूची के आधार पर चल रही प्रक्रिया को रोका जाए।
  3. दस्तावेज मांगने का आदेश वापस लिया जाए।
  4. सर्वदलीय बैठक बुलाकर पुनरीक्षण प्रक्रिया फिर से नियोजित हो।
  5. पूरे मामले की न्यायिक या संसदीय जांच कराई जाए।

तेजस्वी ने चेताया कि बिहार की जनता अपना हक छिनने नहीं देगी और लोकतंत्र को कमजोर करने की हर कोशिश का जवाब देगी।

बाइट:- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष बिहार

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