जिलाधिकारी ने बाढ़ के पूर्व तैयारी को लेकर की समीक्षा बैठक!

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें


रिपोर्ट-विक्रम उपाध्याय/खगड़िया


संभावित बाढ़ 2025 के पूर्व तैयारी को लेकर समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए ताकि समय पर समुचित तैयारियाँ सुनिश्चित की जा सकें। बैठक में निम्नलिखित निर्देश दिए गए:

  1. बाढ़ के समय कार्य प्रणाली: सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि बाढ़ के समय भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुरूप कार्य करें।
  2. तटबंध निरीक्षण एवं मरम्मति: अनुमंडल पदाधिकारी, खगड़िया/गोगरी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, खगड़िया/गोगरी को संयुक्त रूप से सभी तटबंधों का निरीक्षण कर वर्षा जनित कटाव, पशुओं के आवागमन से हो रहे नुकसान आदि को चिन्हित करते हुए प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया। साथ ही, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ प्रमंडल-01 एवं 02 को चिन्हित स्थानों की त्वरित मरम्मति कर संबंधित रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
  3. नाव की व्यवस्था: बाढ़ के समय आमजन को आवागमन में कठिनाई न हो, इसके लिए सभी अंचल अधिकारियों को नाव की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
  4. राहत एवं बचाव की तैयारी: बाढ़ से संबंधित राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ 15 दिनों के भीतर पूर्ण करने का सख्त निर्देश जिलाधिकारी महोदय द्वारा दिया गया।
  5. गर्भवती माताओं की सूची: सिविल सर्जन, खगड़िया एवं सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कर उन गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करें जिनकी प्रसव तिथि बाढ़ अवधि (1 जून से 31 अक्टूबर) के बीच संभावित है, ताकि उनके लिए विशेष व्यवस्था की जा सके।
    बैठक के अंत में जिलाधिकारी महोदय ने सभी संबंधित पदाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे सजग रहते हुए समयबद्ध एवं समन्वयपूर्ण ढंग से कार्य करें ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी रूप से निपटा जा सके।
    जिलाधिकारी ने पशुपालन, जल संसाधन व अन्य विभागों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सूची तैयार कर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि संभावित अवधि 1 जून से 31 अक्टूबर के बीच विशेष सतर्कता बरती जाए।
    उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि बाढ़ पूर्व तैयारियों से संबंधित प्रगति प्रतिवेदन 14 दिनों के भीतर जिला कार्यालय को प्रेषित करें।
    जिलाधिकारी ने कहा कि “हमारा प्राथमिक उद्देश्य जनहानि को रोकना और हर नागरिक, विशेषकर कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।” उन्होंने सभी विभागों को सामंजस्यपूर्ण कार्य करने और तैयारी पर लागू करने के निर्देश भी दिए।

Leave a Comment

और पढ़ें