बिहार की मिथिला पेंटिंग को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, पद्मश्री बऊआ देवी बनीं प्रेरणा!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झा!

बिहार ने एक बार फिर अपनी सांस्कृतिक धरोहर से विश्व पटल पर छाप छोड़ी है। मधुबनी के मिथिला चित्रकला संस्थान द्वारा प्राकृतिक रंगों से बनी विश्व की सबसे बड़ी मिथिला पेंटिंग को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। यह पेंटिंग 24 से 26 अप्रैल के बीच 50 छात्राओं ने 6 वरिष्ठ आचार्यों के निर्देशन में बनाई। इसे 27 अप्रैल को पाटलिपुत्र इंडोर स्टेडियम, पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में प्रदर्शित किया गया।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि के केंद्र में हैं पद्मश्री बऊआ देवी, जिनकी पारंपरिक शैली में यह पेंटिंग तैयार की गई। बऊआ देवी मिथिला की जानी-मानी चित्रकार हैं, जिनका जन्म राजनगर सिमरी में हुआ और विवाह जितवारपुर, मधुबनी में हुआ। उन्होंने अपनी माँ और दादी से कोबर चित्रकला सीखी और बाद में भास्कर कुलकर्णी की प्रेरणा से कागज पर काम शुरू किया। 1985 में उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार और 2017 में पद्मश्री सम्मान मिला।

इस पेंटिंग में हल्दी, चुकंदर और अपराजिता के फूलों से रंग तैयार किए गए। यह पेंटिंग खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में भी प्रदर्शित होगी। छात्रा सोनालिका कुमारी ने कहा, “हमने सोचा नहीं था कि सीखते हुए इतनी बड़ी उपलब्धि मिलेगी।”

यह उपलब्धि मिथिला की परंपरा, महिला सशक्तिकरण और लोककला की जीवंतता का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

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