दरभंगा से धर्मेंद्र पांडे की रिपोर्ट

उत्तर बिहार का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लगातार अपने कमियों को लेकर सुर्खियों में बना रहता है। कोरोना काल में भी जंजर सर्जिकल के CCW वार्ड में कोरोना मरीजों का प्राथमिक उपचार कर आइशोलेशन वार्ड में सिफ्ट किया जाता था। जिसको लेकर लेकर डीएमसीएच अस्पताल को काफी फजीहत झेलना पड़ा। जिसके बाद सर्जिकल भवन में अब पूर्ण रूप से मरीजों का इलाज बंद कर दिया गया है। प्रशासन भी सतर्क हुआ और उस भवन में चल रहे किसी भी बिमारी से पीड़ित मरीजों को आनन फानन में सर्जिकल भवन में चल रहे ccw वार्ड को मेडिसिन के दुसरे बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया ।
फिर भी सोशल मीडिया में लगातार लोग पुराने सर्जिकल भवन की तस्वीर को लेकर खबरें फैला रहे है कि डीएमसीएच की पुरानी जर्जर सर्जिकल भवन में कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है जहां इलाज करना जानलेवा है। लिहाजा मीडिया में ऐसी खबर को दिखाया जा रहा है। इन सभी खबरों पर जिला प्रशासन भ्रामक खबर बताते हुए अपना पक्ष रखा ।दरभंगा के डीडीसी तनय सुल्तानिया के साथ कोविड वार्ड के डॉक्टर मिडिया के सामने आ कर बयान जारी कर आम लोगो के बिच फैले भ्रम को दूर करने का प्रयास किया है।
दरभंगा के डीडीसी तनय सुल्तानिया ने कहा है कि जो भी तस्वीरें सोशल मीडिया में दिखाई जा रही है वो पुराने सर्जरी भवन की है वहां पर डीएमसीएच का कोविड वार्ड नही है ,वहां कोविड मरीजो को ऐडमिट नही किया जाता है और ना ही इलाज किया जाता है , डीडीसी ने कहा कि कोविड वार्ड डीएमसीएच के नए आधुनिक नर्सिंग बिल्डिंग में कार्यरत है जहां 130 बेड का कोविड वार्ड है और इलाज के लिए बहुत अच्छी सुविधाएं मौजूद है ।
वही इलाज कर रहे स्वास्थकर्मी ने भी बताया की जो तस्वीर आइसोलेशन वार्ड का दिखाया जा रहा है वो गलत है.जबकि कोरोना वार्ड का भवन और सर्जिकल का जंजर भवन को देखने से ही काफी अंतर दिखता है लेकिन लोग इसे नहीं दिखाते है ,और भ्रम फैलता है। जबकि यहां आधुनिक युक्त सुविधा उपलब्ध है नये नर्सिंग हॉस्टल भवन में लिफ्ट के साथ आधुनिक सभी सुविधा के साथ वेंटिलेटर ICU सभी सुविधा उपलब्ध है लेकिन लोग उस पुराने भवन को दिखा कर भ्रम फैला रहे है।