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दरभंगा में जानवरों से प्रेम का अद्भुत मिसाल !

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ब्यूरो रिपोर्ट शंखनाद

दरभंगा से जानवर से प्रेम का अद्भुत मिसाल देखने को मिला दरअसल 10 सालो से गांव में रह रहे बंदर की मौत से गांव में मातम पसर गया,बुजुर्ग बंदर की मौत के बाद हिन्दू रीतिरिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया गया, बेंड बाजा के साथ पूरा गांव अंतिम यात्रा में शामिल होकर दी अंतिम विदाई!

दरभंगा जिला के कुशेश्वरस्थान प्रखंड के केवटगामा गांव में शनिवार के रात्रि में गांव के राम जानकी मंदिर में अपना ठिकाना बना कर रह रहे बुजुर्ग बंदर की मौत हो गई । जिसकी सूचना धीरे धीरे पूरे गाँव में फैल गई ,जानकारी मिलते ही महिला,पुरुष,साधु सहित सैकड़ों की संख्या में मृत बंदर के दर्शन को लेकर राम जानकी मंदिर पर पहुँचने लगे।

बुजुर्ग बंदर गांव में विगत 10 सालो से लोगो के साथ मिलजुल रह रहा था ।ग्रामीण सुबह शाम उसे खाना देते या बन्दर उनके घर तक खाना मांगने पहुच जाता था।आज तक 10 सालों में बंदर ने किसी भी ग्रामीण को कोई भी परेशानी नही पहुँचाया और न ही किसी को जख्म दिया।ग्रामीण भी बंदर को हनुमान भगवान का रूप समझकर उसे प्यार देने लगे।

आखिरकार 10 वर्षो से साथ रह रहे बंदर की मौत हो गई।मौत की खबर जैसे ही गांव में फैली मृत बंदर के अंतिम संस्कार हेतु विधिवत हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार बांस का चचरी,कफन का इंतजाम कर बैंड बाजा के साथ अर्थि के साथ अंतिम यात्रा में सैकड़ों ग्रामीण शामिल हो कर अंतिम विदाई दिया।इस दौरान 10 वर्षों से गाँव में रह रहे बुजुर्ग बंदर के अचानक चले जाने से गाँव में लोग एक दूसरे से शोक व्यक्त कर रहे थे ।

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