न सरदार पटेल न डॉ अंबेडकर, भवन का नाम सिर्फ सामुदायिक भवन!
ब्यूरो रिपोर्ट शंखनाद :
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बांका जिले के रजौन बाजार का विवादित सामुदायिक भवन इन दिनों पिछले 2 सप्ताह से खूब चर्चा में रहा . लेकिन कहा जाए तो अब एक तरह से विवाद पर विराम लग गया .जिला प्रशासन ने विवादित सामुदायिक भवन को उद्घाटित भवन मानते हुए हाल के दिनों लगाए गए उद्घाटन शिला पट को हटाया बल्कि सरदार पटेल और डॉक्टर अंबेडकर जैसे महापुरुषों के नामों को हटाते हुए झगड़े के समूल को ही समाप्त कर दिया । बांका जिला अधिकारी के आदेश पर सहायक अनुमंडल पदाधिकारी संतोष कुमार एवं एसडीपीओ दिनेश चंद श्रीवास्तव गुरुवार की देर रात्रि दल बल के साथ रजौन पहुंचकर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से न सिर्फ वर्तमान विधायक भूदेव चौधरी के उद्घाटन शिला पट्ट को उखाड़ा साथ ही नामकरण किए गए डॉक्टर अंबेडकर सामुदायिक भवन की जगह सिर्फ सामुदायिक भवन रजौन कर दिया गया । वहीं प्रशासन द्वारा विवादित सामुदायिक भवन के मामले को लेकर दर्ज कराये गये प्राथमिकी मे कार्रवाई करते हुए रजौन के प्रमुख पति व पूर्व पंसस रजौन के नवटोलिया निवासी रणविजय सिंह को भी गिरफ्तार कर अपने साथ बांका ले गये । इधर प्रशासन ने शुक्रवार की देर शाम पत्र जारी करते हुए सामुदायिक भवन समाज के लिए खोल देने की बात कही है प्रशासन ने इस बात का उल्लेख किया है कि इस सामुदायिक भवन का उपयोग सामाजिक बैठक शादी ब्याह श्राद्ध सहित अन्य समाज से जुड़े कार्यों के लिए किया जा सकता है इस सामुदायिक भवन का उपयोग राजनीति के दृष्टिकोण से नहीं किया जा सकता है प्रशासन ने इसकी चाबी पंचायत सचिव को सौंप दी है और इस भवन का उपयोग प्रखंड विकास पदाधिकारी से अनुमति देकर किया जा सकता है
क्या है मामला : बीते 9 दिसंबर को धोरैया के नवनिर्वाचित विधायक भूदेव चौधरी ने पूर्व विधायक मनीष कुमार के हाथों पूर्व से उद्घाटित रजौन बाजार के दो मंजिला सामुदायिक भवन का उद्घाटन कर दिया साथ ही उसका नामकरण डॉक्टर अंबेडकर सामुदायिक भवन कर दिया । इस भवन के उद्घाटन होते ही जदयू ने प्रशासन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई और देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ लिया . जिस पर प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए प्राथमिकी भी दर्ज कराई प्रशासन ने 15 दिसंबर की रात्रि पहुंचकर विवादित सामुदायिक भवन को सील किया और 16 दिसंबर को राजद कार्यकर्ताओं ने भागलपुर हंसडीहा मुख्य सड़क मार्ग को जाम किया प्रशासन के द्वारा जाम करने को लेकर एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है । इधर गुरुवार की रात्रि प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए भवन में लगे उद्घाटन शिलापट को हटाते हुए दीवार लेखन पर भी पुताई कर दी और देर शाम पत्र जारी कर सामुदायिक भवन समाज के नाम किया।
क्या कहते हैं विधायक : इस संबंध में स्थानीय विधायक भूदेव चौधरी ने प्रशासनिक कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे महापुरुषों का अपमान बताया।
क्या कहते हैं पूर्व विधायक : इस संबंध में पूर्व विधायक मनीष कुमार ने कहा कि प्रशासन ने सही समय पर सही कदम उठाया है प्रशासन का कार्य जनता के हित में सराहनीय है