ब्यूरो रिपोर्ट शंखनाद
सरकार ने किसानों को कई तरह के योजनाएं कागज पर जरूर दे डाला लेकिन क्या यह योजना धरातल पर आई इसे देखने वाला कोई नहीं है. कमोबेश यही हाल बांका जिला के रजौन प्रखंड का है. जहां वर्तमान में मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना बांटे जा रहे हैं. इसके तहत किसानों को सरकार बीज पर 90% अनुदान देती है. इस योजना के तहत किसानों को ओटीपी भेजा जाता है जिससे वह ओटीपी दिखा कर नजदीकी कार्यालय से जाकर अपना बीज ले सकते हैं. ऐसे में किसान सलाहकार की पास जिस पंचायत के किसान पहुंच रहे हैं उन्हें ओटीपी के बहाने किसानों से पांच ₹500 वसूल रहे हैं. रजौन में कुल 18 पंचायत है . कमोबेश अट्ठारह पंचायत का हाल एक ही जैसा है. पिछले दिनों गौर करें तो राजावर, सिंहासन,धायहरना महागामा के कई किसानों ने बताया कि योजना आने के साथ ही किसान सलाहकार तय कर लेते हैं. की योजनाओं का लाभ किनको देना है पंचायत में इसके लिए हर एक पंचायत में किसान सलाहकार के बिचौलिए तत्पर रहते हैं और सबसे पहले ही किसानों के रजिस्ट्रेशन को कलेक्शन कर तय की गई राशि ली जाती है. लेकिन सबसे दुखद है कि कई किसान सलाहकार विवादों मैं रहने के बाद भी उसी पंचायत में बने हुए हैं. वहीं कई किसान बताते हैं कि इन्हें कई राजनीति आकाओं के साथ अधिकारियों का भी वरदहस्त हासिल रहता है. जिससे काली करतूत करने की बाद भी यह बेदाग होकर निकल जाते हैं।