जातीय जनगणना की मांग पर मोदी सरकार को भी झुकना पड़ा-तेजस्वी यादव!

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रिपोर्ट- अमित कुमार!


तेजस्वी यादव का केंद्र पर तीखा हमला: “जातीय जनगणना की मांग पर अब मोदी सरकार को भी झुकना पड़ा”
जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार के रुख में बदलाव पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र को हमारी पुरानी मांग के आगे झुकना पड़ा है। यह हमारे पुरखों और नेताओं की लड़ाई की जीत है।

तेजस्वी यादव ने कहा—
“हमने जब जातीय जनगणना की मांग की थी, तब हमें तिरस्कृत किया गया, तंज कसे गए। लेकिन आज वही केंद्र सरकार बिहार चुनाव को देखते हुए हमारी बात मान रही है।”

उन्होंने बीजेपी पर करारा प्रहार करते हुए कहा—
“जो लोग जातीय जनगणना को लेकर हमें बदनाम करते थे, आज उनके चेहरे पर तमाचा पड़ा है। साइंटिफिक डेटा जब तक सामने नहीं आएगा, तब तक सामाजिक न्याय की दिशा में कुछ नहीं हो सकता।”

तेजस्वी यादव ने जोर देकर कहा—

“96 से हमारे नेता लालू जी जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे।”

“26 जुलाई 2015 को उन्होंने राजभवन मार्च किया था।”

“हमने तीन बार विधानसभा में सर्वदलीय प्रस्ताव पारित कराया, जिनमें नीतीश कुमार भी हमारे साथ थे।”

“2 अक्टूबर 2023 को गांधी जयंती के मौके पर हमने बिहार में जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक किए थे।”

तेजस्वी ने कहा कि—
“पहले मोदी जी कहते थे कि देश में सिर्फ चार जातियाँ हैं। लेकिन अब उन्हें वही करना पड़ रहा है जो हमलोग चाहते थे। ये हमारी ताकत है।”

तेजस्वी का तंज:
“ट्वीट-ट्वीट खेलने से कुछ नहीं होता। ये लोग बिहार की जनता को बेवकूफ समझते हैं, लेकिन अब जनता सब जान चुकी है।”

आरोप:
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि जातीय जनगणना का फैसला बिहार चुनाव को देखते हुए लिया गया है, जबकि यह मुद्दा वर्षों पुराना है और लालू प्रसाद यादव की दूरदृष्टि का परिणाम है।

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