ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को मिली मंजूरी, पटना क्लस्टर में ₹514.59 करोड़ की परियोजना को मिली मंजूरी -जीवेश मिश्रा

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रिपोर्ट- अमित कुमार!

परियोजना लागत: ₹514.59 करोड़

विधि: PPP मोड (डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट, ट्रांसफर – DBFOT मॉडल)

समर्थन: भारत सरकार से Viability Gap Funding (VGF) की सैद्धांतिक स्वीकृति (दिनांक: 26 मार्च 2025)

प्रमुख बिंदु:

बिहार सरकार की एक ऐतिहासिक पहल के तहत, राजधानी पटना समेत आसपास के 11 नगर निकायों को कचरा मुक्त बनाने के उद्देश्य से Integrated Solid Waste Management (ISWM) परियोजना का कार्यान्वयन शुरू किया गया है। इस योजना को PPP मॉडल पर क्रियान्वित किया जाएगा, जो बिहार में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम है।

परियोजना का विस्तार: इस परियोजना से 12 नगर निकाय लाभान्वित होंगे:
पटना, दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, सम्पतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर, पुनपुन।

परियोजना स्थल: पटना नगर निगम की रामचक बैरिया स्थित भूमि पर होगा।

स्थापित किए जाने वाले संयंत्र:

15 मेगावाट क्षमता का Waste to Energy प्लांट

100 TPD Bio-Methanation संयंत्र

250 TPD MRF-cum-RDF संयंत्र

50 TPD MRF संयंत्र

700 TPD Compost संयंत्र

325 TPD Sanitary Landfill सुविधा

परियोजना के संभावित लाभ:

शहर की स्वच्छता में सुधार और वायु प्रदूषण में कमी

बीमारियों पर नियंत्रण और स्वस्थ जीवन के अवसर

Biogas उत्पादन के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लक्ष्यों की प्राप्ति

Swachh Survekshan की रैंकिंग में संभावित सुधार

मंत्री जीवेश मिश्रा का बयान: “राज्य सरकार स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति गंभीर है। यह परियोजना न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से उन्नत है बल्कि यह सामाजिक व आर्थिक रूप से भी लाभदायक सिद्ध होगी। केंद्र सरकार की ओर से VGF स्कीम में मंजूरी मिलना बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि है।”

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