रिपोर्ट: शहजादा प्रिंस
प्रखंड के कनारोंवां पंचायत अंतर्गत कोयलाबेड़ा, बडोमदा और हरदीबेड़ा की महिलाओं ने ढिबरी जलाकर गांव में बिजली की सुविधा बहाल करने के लिए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया। ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे आज भी ढिबरी युग में जीने के लिए विवश हैं। इन क्षेत्रों में अबतक विद्युत सुविधा नहीं पहुंची है। विकास मगहिया और कोयलाबेड़ा निवासी अमूल्य मुंडा ने कहा कि आजादी के बाद कई दशक गुजर जाने के बावजूद इन गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है। जबकि नजदीक के गांवों में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे इन गांव के लोग बहुत मायूस हैं। बडोमदा और हरदीबेड़ा निवासी सुनील सिंह और जगन्नाथ भुइयां ने कहा कि उनके गांव में अबतक बिजली नहीं पहुंची है। जिससे सरकार द्वारा गांव-गांव में बिजली पहुंचाने का दावा खोखला साबित हो रहा है। वे अपने बच्चों को बानो और लचरागढ़ के विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। बच्चों को ढिबरी जलाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। जिससे काफी परेशानी होती है।