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दुधारू गाय बनी मनरेगा योजनाओं में जमकर लूट खसोट का आरोप!

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पंकज कुमार जहानाबाद ।

बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा मनरेगा योजना चलाया गया है। मनरेगा योजना के तहत कच्चा एवं पक्का कार्य करनी होती है। यह पक्का या कच्चा कार्य ग्राम सभा का आयोजन पंचायत में आयोजित कर वहां के पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा कार्य का चयन किया जाता है लेकिन मनरेगा योजना पंचायत प्रतिनिधियों के लिए दुधारू गाय जहानाबाद में साबित होता दिख रहा है ।फिलहाल ताजा मामला जहानाबाद के घोसी प्रखंड के लखवार पंचायत के लखवार गांव का है। जहां पईन उड़ाही के नाम पर मनरेगा योजना से पैसा का निकासी तो कर लिया गया लेकिन जमीन पर कार्य नहीं कराए गए है।इस मामले को लेकर एक तरफ जहां गांव के लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है वहीं विभागीय मंत्री ने इसके जांच के आदेश दिए हैं।
मनरेगा योजना में पैसा लूट का एक मामला सामने आया है जहां घोसी प्रखंड के लखवार पंचायत में मुखिया और मनरेगा कर्मियों के द्वारा बिना कार्य कराए पैसे की निकासी की गई दरअसल लखावर पंचायत के मुखिया और रोजगार सेवक द्वारा पंचायत में हवेलीपुर नहर से लखवार गांव तक पईन उड़ाही मनरेगा योजना से पास किया गया था इस योजना में फर्जी जॉब कार्ड के माध्यम से चार लाख बीस हजार रुपए की निकासी की गई है । जिसमें 18 अगस्त 2024 को रुपया की निकासी किया गया लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना में मुखिया एवं रोजगार सेवक द्वारा पैसे का बंदर बांट किया गया है। जबकि जिस खाते से पैसे की निकासी की गई है फर्जी जॉब कार्ड बनाकर पैसे की निकासी की गई। बताया जाता है कि मनीष कुमार नामक व्यक्ति का जिनका खाता एसबीआई पोस्टल पार्क पटना का है दूसरे सुरेश पंडित नमक व्यक्ति के खाते पर जो पैसा भेजा गया है यह व्यक्ति बीमार रहने के कारण इलाज कर रहा है ।यह दोनों व्यक्ति को पइन में काम करते हुए दर्शाया गया है। इनके खाते पर पैसा भेजा गया है अगर इसकी जांच कराई जाए तो घोटाला उजागर हो सकता है ।इस मामले पर जहानाबाद पहुंचे ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा की इसकी जांच कराई जाएगी। जिन लोगों द्वारा सरकारी पैसा का दुरुपयोग किया है उन पर कार्रवाई किया जाएगा । लखवार एवं ग्रामीण गराई विगहा गांव वासियों का कहना है कि पइन की सफाई नहीं होने से हम लगभग सैकड़ो बीघा जमीन पर धान की रोपनी नहीं हुई इस योजना की जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई किया जाए । अब सवाल यह उठता है कि जब धरातल पर कार्य ही नहीं किया गया तो विभाग के द्वारा कैसे पैसे की स्वीकृति दी गई और पैसे की निकासी कैसे की गई।
बाईट ग्रामीण।
बाईट ग्रामीण।
बाईट श्रवण कुमार ग्रामीण विकास मंत्री बिहार सरकार

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