Search
Close this search box.

भागलपुर (बिहार):-पुलिस- माफिया गठजोड़ से बालू का अवैध उत्खनन व पासिंग धड़ल्ले से जारी!

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

अरविंद कुमार की रिपोर्ट !

अवैध बालू उठाव को लेकर थाना द्वारा फिक्स किया जाता है रेट, गाड़ी पास कराने के नाम पर पासर का भी चार्ज है फिक्स!

पुलिसकर्मी ही माफियाओं की करते हैं मुखबिरी, गश्ती दल रात भर वसूली में रहती है मशगूल!

नप चुके हैं कई थानेदार व पुलिसकर्मी फिर भी बालू का खेल परवान पर!

बालू के इस अवैध कारोबार को लेकर वरीय पदाधिकारियों पर भी उठ रही है उंगली!

अरविन्द कुमार की रिपोर्ट:

भागलपुर जिले में बालू का अवैध खनन किसी से भी छिपी हुई नहीं है।वहीं इस कड़ी में अगर जिले के जगदीशपुर प्रखण्ड की हम बात करें तो यहां बालू माफिया काफी फल – फूल रहे हैं। यही नहीं यहां भी अन्य स्थानों की भांति अवैध खनन में शामिल माफियाओं के लिए कुछ पुलिसकर्मी ही मुखबिरी का काम करता है।जगदीशपुर प्रखण्ड क्षेत्र के चांदन, एवं उसकी अन्य सहायक नदियाँ,सहित लगातार बालू का उठाव होने से नदी में बालू लगभग समाप्त हो चुका है।जिससे बालू घाट अब मैदान में तब्दील हो चुका है।पिछले कुछ सालों की अगर हम बात करें तो प्रखण्ड क्षेत्र का सैदपुर घाट उत्कृष्ठ किस्म के बालू के लिए प्रसिद्ध था।लेकिन अब वहां बालू के नाम पर बालू वाले मिट्टी का अवैध रूप से खनन कर रहे हैं।जहां नदियों में लबालब बालू भरा हुआ रहता था वहां अब केवल और केवल जंगली घास दिख रहा है।इसे यूं कहें कि पिछले एक दशक में बालू का जो वैध और अवैध रूप से खनन हुआ है , उससे चांदन एवं उसकी सहायक नदियों की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है।वहीं दूसरी ओर बालू के इस काले कारोबार में सिर्फ माफिया ही नहीं बल्कि इसके साथ पुलिस की भी काफी चांदी कट रही है। इस संबंध में कुछ स्थानीय लोगों की मानें तो बालू माफिया को उसके काले मंसूबे में सहयोग करने के बदले पुलिस मोटी रकम वसूलती है। इस दौरान पुलिस कर्मियों के लिए अवैध खनन रोकने के लिए मुख्यालय की सख्त चेतावनी भी मायने नहीं रखता है। स्थानीय किसान भी इस बात को मानते हैं कि बालू माफिया के दवाब में या लालच वश उससे प्रभावित होकर पुलिस हर मामले को दबाने का प्रयास करती है।

पुलिस की मिली भगत से रात के अंधेरे में धड़ल्ले से बालू का अवैध रूप से हो रहा है खनन

जिले में जगदीशपुर प्रखण्ड क्षेत्र के चाँदन नदी बड़ी सलीमपुर रिंग बांध किनारे ,मोहदीपुर के अलावा अब सीमावर्ती क्षेत्र सजौर,कजरैली,और गोराडीह में अब बालू माफिया सक्रिय होने लगे हैं।वहीं सीमावर्ती क्षेत्र सिंहनान और शाहकुंड प्रखंड के अंधरी नदी के परपट और सतपरैया रोड के किनारे खेत से, जबकि जगदीशपुर प्रखण्ड के कमलपुर से कुछ ही दूर मोदीपुर में बालू की बड़े पैमाने पर अवैध खनन रात के अंधेरे में होता है।यही नहीं इस कार्य में जेसीबी और हाइवा का भी मदद लिया जाता है।लेकिन पुलिस और खनन विभाग के अलावा जिला प्रशासन सब कुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं।

रात के अंधेरे में दूधिया रोशनी से जगमग होता है बालू घाट और बालू लदे वाहनों के पहियों में गजब की होती है रफ्तार

देर रात के एक ओर जहां लोग अपने बिस्तर पर आम तौर पर आराम में होते हैं वहीं बालू लदे ट्रक और ट्रैक्टर बालू घाट के पगडंडियों पर रफ्तार भर रहा होता है। इस दौरान गाडियां बालू लेकर जगदीशपुर ,कजरैली से भयमुक्त भागलपुर सन्हौला – घोघा मुख्य मार्ग होते हुए नवगछिया, खगड़िया, बेगूसराय, कटिहार , पूर्णिया सहित कई जिलों के लिए प्रस्थान करता है।अंधेरी रात में वाहनों के लाइट से बालू घाट भी जगमग करता है। पुलिस की पेट्रोलिंग भी इस दौरान होती है, लेकिन इसमें से ही कुछ ऐसे भ्रष्ट पुलिस वाले होते हैं, जो अवैध रूप से बालू लदे वाहनों को उसके गंतव्य के लिए अपने थाना क्षेत्र से सुरक्षित विदा करते हैं। लेकिन स्थानीय थाना की पुलिस ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज कर खुद को पाक – साफ साबित करने का प्रयास करते हैं।लेकिन यही कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के मिलीभगत के कारण पुलिस बालू माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई करने में पिछड़ जाती है। यही नहीं जब भी कार्रवाई की बात होती है, इसकी सूचना थाना स्तर से हमेशा लीक कर दी जाती है। जिससे उक्त कार्रवाई में घाटों पर या आसपास काफी कम संख्या में बालू लदे या खुदाई करता हुआ वाहन बरामद हो पाता है।

जिला खनन पदाधिकारी सर्वेश कुमार संभव ने कहा- अवैध खनन पर होगी कार्रवाई,जल्द लगेगा लगाम

बालू के अवैध खनन पर पहले तो कुछ भी बोलने से जिला खनन पदाधिकारी ने साफ इंकार कर दिया,लेकिन जिले में बालू की अवैध खनन के मामले में जवाब देते हुए उन्होंने वही रटा – रटाया जवाब दिया है। जिला खनन पदाधिकारी ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर जिले में बालू के अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने जल्द ही अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई करने की बात कही है।लेकिन अब भी सवाल वही होता है कि क्या अब तक जिले में धड़ल्ले से जारी बालू के अवैध खनन से जिला खनन पदाधिकारी अनभिज्ञ थे? या वह सब कुछ जानते हुए भी अब तक हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए थे। आखिर जिले में जारी बालू के इस अवैध खनन के काले कारनामों से डीएम, एसएसपी और खनन पदाधिकारी कैसे अनजान बने रह सकते हैं। जबकि स्थानीय लोगों ने खुद बताया कि इसमें स्थानीय प्रशासन और थाना की मुख्य रूप से संलिप्ता रहती है।बालू भरे ट्रैक्टर , ट्रक और हाईवा को पासिंग कराने के लिए थाना स्तर पर अलग – अलग चार्ज तय किया गया है।

बांका के भदरिया से बालू लाकर माफिया सजौर थाना के तेतररिया में करते हैं डंप

बांका के विभिन्न बालू घाटों से बालू लाकर माफिया इन दिनों सजौर थाना क्षेत्र के तेतररिया में डंप कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार प्रतिबंधित घाटों का अधिकतर बालू जगदीशपुर , नाथनगर, हबीबपुर, ततारपुर, मधुसूदनपुर, सजौर, गोराडीह, और कजरैली सहित कई क्षेत्रों में डंप हो रहा है।

देर शाम से ही अहले सुबह तक बालू लदे वाहन चालकों से होती है अवैध वसूली

भागलपुर दुमका मुख्य मार्ग और भागलपुर अमरपुर मुख्य मार्ग पर देर शाम से ही पुलिस और अन्य बिचौलियों द्वारा अवैध रूप से बालू लदे वाहन चालकों से वसूली शुरू हो जाती है। यही नहीं यह अवैध वसूली अहले सुबह तक निरंतर जारी रहता है। इस दौरान वरीय आधिकारियों के सख्त निर्देश के बावजूद यह अवैध वसूली का काला खेल रुका नहीं है। खासकर गस्ती में शामिल पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मी वसूली में कई बार इस कारनामे में कारण नपे भी हैं,बाबजूद सबक नही है।

Leave a Comment

और पढ़ें