रिपोर्ट:- शंखनाद ब्यूरो
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात डीएसपी का बॉडीगार्ड राजू कुमार एक 9 एमएम पिस्टल और 30 जिंदा गोलियां लेकर भाग गया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब डीएसपी अविनाश कुमार से पूछा गया आपका बॉडीगार्ड राजू कहां है। जवाब में डीएसपी ने कहा- मेरा तबादला 12 जून 2017 को ही सरायकेला हो गया था। उसी दिन राजू को रांची पुलिस लाइन में योगदान देने की बात कहकर वापस भेज दिया था। उसके बाद से सिपाही राजू (संख्या 713) की कोई खबर नहीं है। आश्चर्य की बात है की ऐसे सिपाही (संख्या 713) को डीएसपी का बॉडीगार्ड बनाना और उस परिस्थिति में जब डीएसपी मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात हो।
बॉडीगार्ड के भाग जाने की मिली खबर के बाद रांची पुलिस महकमे में खलबली मच गई। आनन-फानन में एएसआई मिथिलेश कुमार सिंह और भीम सिंह को राजू को खोज निकालने की जिम्मेवारी सौंपी गई। राजू का घर कांटाटोली में है। यहां से पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। सर्विस बुक में दर्ज पता और ठिकाना का भी सत्यापन नहीं हो सका। रांची पुलिस लाइन के शस्त्रागार प्रभारी दशरथी मुर्मू के बयान पर गोंदा थाने में 4 दिसंबर 2020 को FIR दर्ज किया गया।