रवि शंकर शर्मा की रिपोर्ट!
पटना के बाढ़ अनुमंडल में ‘बैकुंठ धाम’ से लेकर ‘उमानाथ धाम ‘तक कई प्रसिद्ध मंदिर है। लेकिन लगभग एक दशक पहले पूर्णत: यांत्रिक विधि से निर्मित बाढ़ के “बाल शनिधाम” मंदिर का अपना एक अलग ही महत्व है। इस मंदिर में आस्था और विश्वास का आलम यह है,कि हर शनिवार को अहले सुबह से ही पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है। बाढ़ अनुमंडल का यह अकेला मंदिर है जहां श्रद्धालु बगैर धक्का-मुक्की किए लाइन में लगकर पूजा अर्चना करते हैं। बताया जाता है कि पहले यहां पूजा सामग्री की दुकानें इक्के-दुक्के ही लगती थी लेकिन अब यहां पूजा सामग्री की दुकानों का तांता लगा हुआ है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि बाढ़ शहर के कचहरी स्थित सीढ़ी घाट पर निर्मित ‘बाल शनि धाम मंदिर’की ख्याति इसलिए भी बढ़ती जा रही है कि यह हिंदुस्तान का दूसरा मंदिर है,जहां शनि भगवान के बाल-रूप की तीनो टाइम पूजा-अर्चना होती है। श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ में यदि इसी तरह इजाफा होता रहा तो बहुत जल्द ही बाढ़ का ये ‘बाल शनि धाम मंदिर’ बिहार के’पर्यटन स्थलों की सूची में अपनी दावेदारी पेश कर सकता है। बाल शनि धाम मंदिर में पूजा- पाठ करने की समय सारणी में फेरबदल किया गया है। यह परिवर्तन ठंड में बढ़ोतरी के मद्देनजर मंदिर के संस्थापक महंत श्री शिव मुनि उदासीन द्वारा किया गया है! अब शाम 7:00 बजे के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर की कपाट बंद कर दी जाएगी! जबकि पहले श्रद्धालु 9:00 बजे रात्रि तक भी पूजा-पाठ किया करते थे।
जबकि शनिवार के दिन अहले सुबह 4:00 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ यहां जुटने लगती है। और लगातार पूजा-पाठ होता रहता है। सबो की मनोकामना पूर्ण करने वाले इस बाल शनि मंदिर में सिगनापुर से लाया गया शनि भगवान के बाल स्वरूप को स्थापित किया गया है!