रिपोर्ट-विक्रम कुमार/खगड़िया
सीपीआईएम के नेतृत्व में किया खगड़िया समाहर्ता के समक्ष विशाल प्रदर्शन।सीपीआईएमके नेतृत्व में आज पार्टी के राज्यव्यापी आह्वान पर खगड़िया समाहर्ता के समक्ष जनता का विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया गया।इस मौके पर आज सुबह से ही जिले भर से हजारों लोग हाथ में लाल झंडा लिए सीपीआईएम जिला कार्यालय के पास जमा होने लगे।प्रदर्शनकारियों ने ठीक 01 बजे अपने मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाल कर समाहरणालय पहुंचा।प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी जिला सचिव संजय कुमार ने किया।प्रदर्शन स्थल पर सभा सुरु करने से पूर्व पार्टी महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी को दो मिनट मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई।प्रदर्शन जो बाद में सभा में तब्दील हो गया,जिसकी अध्यक्षता सुरेन्द्र प्रसाद ने किया।प्रदर्शन में शामिल हजारों खेत मजदूरों,किसानों,छात्र_नौजवानों और महिलाओं को पार्टी जिला सचिव संजय कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों खगड़िया के मारर में हमारे पार्टी के नेता शंभू कुमार सिंह की हत्या अपराधियों ने कर दिया,वह सभी जेल में बंद है,उसको स्पीडी ट्रायल चला कर जल्दी करी से करी सजा देना होगा।बिहार में नीतीश कुमार की डबल ईंजन की सरकार पिछले कई वर्षों पूर्व बेघर भूमिहीनों को 05 डिसमिल जमीन बसने हेतु उपलब्ध कराने की फैसला लेने के बावजूद उन्हें लगातार ठगने का काम कर रही है,बसेरा अभियान के तहत कुछ लोगों को पर्चा देकर सिर्फ रस्म अदायगी कर गरीबों के मुंह को बंद करना चाहती है।सीपीआईएम इस बाबत 2021 में ही खगड़िया सहित पूरे बिहार में सर्वे करा कर सीओ एवं जिलाधिकारी को दे चुकी है,मगर उस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।ऐसे में गरीबों का ना सिर्फ भरोसा सरकार और प्रशासन पर से उठ रहा है,बल्कि उनका धैर्य भी टूट रहा है।उन्होंने कहा यह प्रदर्शन नीतीश सरकार की घोषणा बिहार के 094 लाख गरीब परिवारों को व्यवसाय के लिए 2_2 लाख रुपए सहयोग में देने में देरी के खिलाफ है।नीतीश कुमार ने कहा था, कि जल्द ही हम सर्वे करा कर गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले लोगों को 2 _ 2 लाख रुपए व्यवसाय के लिए फ्री देंगे,जिस पर तुरन्त अमल करना होगा।सरकार जमीन सर्वे सुरु की है।सर्वे के नाम पर बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है।किसानों,मजदूरों का जमीन के दस्तावेज के नाम पर भयादोहन किया जा रहा है। गैरमजरुआ खास जमीन जिसका लगान सरकार किसानों से लगातार ले रही थी,मगर हाल के कुछ वर्षों से ना सिर्फ रसीद कटना बंद कर दिया गया है,बल्कि खरीद बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है,जिससे लोगों को अपने बाल बच्चे की पढ़ाई,लिखाई और बच्चे की शादी_ ब्याह करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।उन्होंने सरकार के ऊर्जा विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने को लूट का सीधा जरिया बताया और कहा इसको हर हाल में रोकने को लेकर जनता को आगे आना होगा,वहीं उन्होंने 200 यूनिट बिजली फ्री आम लोगों को मिले,इसकी गारंटी करनी होगी।उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब दूसरी राज्य सरकारें फ्री बिजली कुछ हद तक दे सकती है,तो नीतीश सरकार क्यों नहीं दे सकती?उन्होंने कहा जनवितरण प्रणाली को मजबूत बनाते हुए लोगों को केन्द्र सरकार के घोषणा के अनुसार सभी लाभुकों को 10 _ 10 किलो अनाज मुफ्त देने के सवाल भी जुमले साबित हो रहा है।कम बारिश के चलते खरीफ फसल जलने की स्थिति में आ चुकी है,ऐसे में उत्तर बिहार सहित खगड़िया जिला को सुखार क्षेत्र घोषित करने का सवाल आज ज्वलंत मुद्दा है। किसानों के कर्ज माफी,एमएसपी को कानूनी दर्जा,खगड़िया में मक्का आधारित कारखाने लगाने का चीर प्रतीक्षित मांग,बेतहाशा मंहगाई,बिहार में बढ़ते हुए अपराध बेरोजगारी का सवाल आज के प्रदर्शन का मुख्य केन्द्र बिंदु है।उन्होंने कहा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और 65 प्रतिशत आरक्षण जो नीतीश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था,आज यह दोनों ही सवाल मुख्यमंत्री के प्राथमिकता से गायब है,जिसे हासिल किए बिना बिहार का विकास असंभव है,जो हमारे मुख्य मांगों में है।पार्टी जिला सचिव संजय कुमार ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूली रसोइया को 1650/ रुपए प्रति माह नीतीश सरकार किस हिसाब से दे रही है,वो भी शाल के मात्र 10 महीने।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बाली नीतीश सरकार आखिर स्कूली रसोइया,आशा,ममता और आंगनबाड़ी सेविका सहायिका,शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए सफाई कर्मियों को न्यूनतम जीने लायक कम से कम तत्काल 12 हजार रूपए प्रति माह मानदेय चालू करते हुए,उन्हीं स्किल वर्करों को नीतीश सरकार बिहार में 20 लाख लोगों को स्थाई नौकरी और रोजगार देने की घोषणा के तहत स्थाई क्यों नहीं कर रही है?उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 400/रुपए प्रति माह नीतीश सरकार के द्वारा देने को हास्यास्पद करार दिया।उन्होंने कहा केरला की राज्य सरकार जब सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 3000/रुपए प्रति माह दे रही है,तो नीतीश सरकार को भी उसी तर्ज पर देना होगा।मनरेगा की चर्चा करते हुए संजय कुमार ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार शाल में सिर्फ 100 दिन मजदूरों को काम देती है और बदले में 256/रुपए दैनिक मजदूरी देती है,जिससे शालो भर उसके परिवार का भरण पोषण इस महंगाई में मुश्किल है।केरला की सरकार मनरेगा मजदूरों को रोजगार गारंटी योजना के तहत शाल में 200 दिन काम देती है और बदले में 600/रुपए दैनिक मजदूरी देती है,अगर केरला की राज्य सरकार दे सकती है,तो बिहार सरकार को भी देना होगा।संजय कुमार ने कहा बेलदौर के केहर मंडल टोला,बोबिल,रामनगर,चौथम के भेलौरी और मानसी के अमनी में जिन बटेदारों को वर्षों पूर्व कोर्ट ने डिग्री दिया,आज उन्हें बेदखल किया जा रहा है,उन बटेदारों को दखलदहानी की जिम्मेदारी सरकार और जिला प्रशासन की है।परबत्ता में सैकड़ों वर्ष पूर्व गंगा कटाव से विस्थापित लोगों सहित पूरे जिले में गंडक,कोशी और बागमती नदी से सभी विस्थापित परिवार जिन्हें सरकार ने वर्षों पूर्व जमीन उपलब्ध कराया,उसे पर्चा देना होगा। अलौली के खुटहा नवटोलिया में परचाधारी महादलित लोगों को दखल नहीं दिलाना प्रशासन की पोल खोलता है।जिले में लाभगांव,बेला,तेतराबाद चंदपुरा,दाढ़ीआस,मथुरापुर नवटोलिया,मारर घरारी,लक्ष्मीनगर,लक्ष्मीपुर,झोटियाही,दुबियाही,भेलौरी,रामनगर, और बोबिल जहां वर्षों से बसे भूमिहीनों के बीच सड़क,नाला और विद्यालय तक बना दी गई,मगर उन्हें पर्चा देने में आनाकानी आखिर क्यों?ऐसे लोगों को पर्चा देने में तो सरकार और प्रशासन को 25 पैसा भी खर्च नहीं करना है,इसलिए जिला प्रशासन इस काम को जल्द करे।संजय कुमार ने कहा उपरोक्त समस्याओं का समाधान सरकार और प्रशासन जल्द नहीं करेगी तो सीपीआईएम चरणबद्ध आंदोलन चला कर निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।प्रदर्शनकारियों को पार्टी जिला सचिवमंडल सदस्य सुरेन्द्र पासवान,विनय कुमार सिंह,जिला कमिटी सदस्य नवीन चौधरी,रामविनय सिंह,नीतू देवी,अजहर अंजुम,सच्चितानंद सिंह,राजगीर सिंह मिथलेश केशरी,ललन प्रसाद रंजन,बिरेंद्र यादव,अनिल वर्मा,महावीर यादव,अमीर कुमार,अमर कुमार यादव ने किया। आज ही सीपीआईएम जिला कार्यालय में 11 बजे दिन में अलग से एक कार्यक्रम आयोजित कर सीपीआईएम के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि दी गई।मौके पर मौजूद सैकड़ों लोगों ने कामरेड सीताराम येचुरी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि किया।मौके पर मौजूद नेताओं ने कहा कामरेड सीताराम येचुरी सिर्फ सीपीआईएम के ही राष्ट्रीय महासचिव नहीं थे,बल्कि देश के शोषितों,बांचितों और मेहनतकासों की आवाज थे।वे देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के साथ फांसीवादी रास्ते पर चल रही केन्द्र की मोदी सरकार के विरुद्ध वाम,जनवादी और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के संघर्षों के योद्धा थे।देश के संविधान और जनतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु तमाम धर्मनिरपेक्ष दलों की एकता के शिल्पकार थे।कामरेड येचुरी के असमय चले जाने से पूरे देश की अपूरणीय क्षति हुई है।नेताओं ने कहा हम सभी मिल कर उनके द्वारा चलाए गए संघर्षों को अनवरत जारी रखेंगे।शोक सभा को राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव,कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुमार भानुप्रताप उर्फ गुड्डू पासवान,वीआइपी मनोहर सहनी,सीपीआई जिला सचिव प्रभाकर सिंह,सीपीआई(माले)लिब्रेशन जिला सचिव अरुण कुमार दास,माले नेता अभय वर्मा सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।