निभाष मोदी

आईपीएस की वर्दी में एसडीपीओ पत्नी के साथ फोटो खिंचाना, रौब झाड़ने का रहा हो उद्देश्य!
भागलपुर। दरअसल, यह मामला जुड़ा है भागलपुर जिले के कहलगांव की एसडीपीओ(अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी) रेशू कृष्णा से । मूल रूप से बिहार के पटना जिले की निवासी रेशु ने बीपीएससी परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल कर डंके की चोट पर डीएसपी पद पर चयनित हुई। चयन प्रक्रिया और बाद में प्रशिक्षण का समय पूरा किया और खाकी की जिम्मेदारिया निभाने लगी है। भोजपुर जिले में अपनी तैंनाती के दौरान कई कांडों का सफलता पूर्वक उद्भेदन कर सुर्खियों में आ गई। समय का पहिया अपनी गति से आगे बढ़ता रहा है। डॉ रेशु कृष्णा भी अब पुलिस की नौकरी के तरीक़े और जद्दोजहद को समझ चुकी थी। डा. रेसू कृष्णा महिला बटालियन होते हुए उनकी नई तैनाती हुई भागलपुर जिले में बतौर एसडीपीओ कहलगाँव। भागलपुर में कमान संभालते ही मैडम का एक अलग ही तौर तरीका और आचार व्यवहार शुरू हुआ। मैडम का रुतबा रुआब और फैशनेबल अवतार कइयों को हैरान परेशान करने वाला था।दरअसल, मैडम को जानने वाले उनके बेहद हम्बल बैकग्राउंड से न केवल परिचित है बल्कि पटना की मूल निवासी इस डीएसपी के संघर्ष के साथी भी रहे है।लेकिन सफलता का नशा ऐसे सर चढ़कर बोलेगा किसी ने भी सपने में भी नही सोचा था। मैडम को अब अपने पुराने दिनों से चिढ़ होने लगी थी।
दरअसल कहने वाले कहते है मैडम को अब सिर्फ ताकतवर और बड़े लोगो के साथ ताल्लुकात रखने का जुनून सवार हो गया था। इसी क्रम में हदो को पार करते हुए मैडम ने ग़ज़ब का कांड करना शुरू किया उनके पति जो कथित तौर पर कुछ नही करते है उनके साथ अपनी तस्वीरें साझा करनी शुरू कर दी। करना भी चाहिए पति के संग पत्नी की तस्वीरें होनी ही चाहिए। लेकिन जरा ठहरिए इन तस्वीरों में भी मैडम ने खेल कर दिया।दरअसल, मैडम ने अपने पति के साथ जो तस्वीरें साझा की उनमें वो बाकायदा आईपीएस की वर्दी पहने बेहद ठसक से अपनी डीएसपी पत्नी के साथ गाड़ी में या पार्क में दिखते है। साथ ही बाकायदा विक्ट्री साइन भी देते है,लेकिन ठहरिए जो सबसे बड़ी बात है वो तो आपको बता दे .. मैडम एसडीपीओ के साथ दिखाई दे रहे शख़्स जिसने आईपीएस की वर्दी पहन रखा है इस नाम और चेहरे का पूरे देश मे कोई आईपीएस है ही नही। दरअसल, ये एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है जिसमें डीएसपी डॉ रेशु कृष्णा की भी महती भूमिका है।दरअसल, एक डीएसपी की इस बेहद शर्मनाक और शातिराना खेल में शामिल होने के तमाम सुबूत मिल रहे थे जो इस बात की ताक़ीद कर रहे थे कि इस पूरे प्रकरण में कहलगाँव एसडीपीयों की भूमिका बेहद संदिग्ध और निर्णायक है। इस शातिराना खेल की शुरुआती जांच दौर में ही स्पष्ट हो गया था कि इस फर्जीवाड़े में मैडम डीएसपी और उनके फर्जी आईपीएस पति की संलग्नता पुरज़ोर और पुरसुकून है। लेकिन महज चंद दिनों में जो सच एसएसपी भागलपुर में जांचा परखा इससे स्पष्ट हो गया कि तस्वीरों में बड़े शान से आईपीएस की वर्दी पहन पोज दे रहा शख्स आईपीएस तो छोड़िए जनाब एक मामूली सिपाही भी नही है।
वहीं इस मामले को लेकर मीडिया से बात करते हुए एसडीपीओ डॉक्टर रेशू कृष्णा ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं जानती उन्होंने कहा कि उन्हें कोई जानकारी इस बात की नहीं है। बताते चलें कि डीआईजी सुजीत कुमार ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय के स्तर से मामले की जांच एसएसपी से कराई थी। मुख्यालय को जांच रिपोर्ट भेज दी गई है साथ ही यह भी बताते दें कि कानून में आम लोगों के वर्दी पहने पर सजा का भी प्रावधान है।