ऋषिकेश कुमार

नालन्दा। एक वह दौर था जब कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार के द्वारा तरह-तरह के जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था,ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों कोरोना टिका लेने के प्रति जागरूक हो। इतना ही नहीं सरकार के तरफ से एक और शिगुफा छेड़ा गया था कि कोरोना वैक्सीनेशन में तेजी लाने को लेकर 6 माह में 6 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो। हालांकि शुरुआती दौर में कोरोना वैक्सीनेशन में काफी तेजी देखी गई,लेकिन कोरोना वैक्सीन लेने को लेकर जब ग्रामीणों में जागरूकता देखी गई ,तो हर प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना वैक्सीन लेने को लेकर ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। अब आलम यह है कि कोरोना वैक्सीन लेने को लेकर ग्रामीणों को घंटों इंतजार करना पड़ता है ,या फिर से घंटों इंतजार के बाद बिना वैक्सीनेशन के ही बैरंग हाथ अपने घर को लौट जाना पड़ता है। ताजा मामला रेफरल अस्पताल चंडी का है जहां मंगलवार को वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने पटना चंडी सड़क मार्ग को जाम कर दिया। सड़क जाम कर रहे आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 5 दिनों से रेफरल अस्पताल में वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं रहने के कारण उन्हें बैरंग हाथ लौट जाना पड़ता है। अभी धान रोपने का भी वक्त है लेकिन सब कुछ छोड़कर ग्रामीण वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में उमड़ रहे हैं। हालांकि जाम की सूचना मिलते ही चंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर किसी तरह से समझा बुझाकर जाम को हटाया। वही इस सम्बंध में नालन्दा सिविल सर्जन ने फोन पर बताया कि वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं होने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी गई है।हमलोग सरकार के गाइड लाइन के हिसाव से कम कर रहे है। सबसे पहले सेकेंड डोज़ लेने वाले लोगो को प्राथमिकता दी जा रही है।जैसे ही टीका उपलब्ध होगा तो सभी प्रखंडो में जल्दी ही सुचारु रुप से क्रोना वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा।