मरती संवेदनाओं का शहर भागलपुर!

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रागिनी शर्मा

पल पल मां की ममता नीर बहाते रही!

काहे का लोकतंत्र हुजूर ,जहां तंत्र तांडव कर रहा है ,लोग सबसे निचले पायदान पर!

भागलपुर सिल्क नगरी के नाम से मशहूर, शायद सिल्क की चमकती चकाचौंध में यहां की मानवता और संवेदना दोनों मर गई। इसलिए मैं कह रहा हूं मरती संवेदना ओं का शहर भागलपुर, दरअसल स्टेशन परिसर में सोमवार को ऐसे घटना घटित हुई जिससे मानवता ही नहीं “”मां की ममता भी पल-पल नीर बहाते रही”

भागलपुर की जीआरपी मासूम पुलिस नारी स्मिता तार-तार होती रही। और पल-पल जीआरपी तमाशबीन बनी रही। मैं पूछना चाहता हूं समाज व देश के उन ठेकेदारों से जब यह औरत तिल तिल कर् घुटन महसूस कर रही थी, जीआरपीओ माखौल उड़ाने में व्यस्त रथी,

आखिर कौन सुनेगा दुखड़े दुख के मारों का, जब गली-गली लगे हैं दरबार भ्रष्टाचारो का, तस्वीर बहुत कुछ बयां कर रही है। सबसे पहले तो एक बेबस लाचार पत्नी अपने पति को बचाने के लिए जद्दोजहद करती रही ,
तो फिर काहे का लोकतंत्र साहब जहां तंत्र तांडव कर रहा है और लोक सबसे निचले पायदान पर। सुशासन से लेकर गुड गुड फिल
निश्चित ही जनता महसूस कर रही है। हम तो बोलेंगे हुजूर क्या जनता सिर्फ वोट के लिए, या सिर्फ और राजनीति का एक हिस्सा, या अंधा सिस्टम बेशर्म सियासत का एक नमूना।

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