पंकज कुमार ठाकुर
पटना, 02 अगस्त 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4, देषरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 153 लोगों की समस्याओं को मुख्यमंत्री ने सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
आज ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री‘‘ कार्यकम में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।
मुजफ्फरपुर से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि डी0सी0एल0आर0 कार्यालय और निबंधन विभाग में बिना पैसा लिए किसी का काम नहीं होता है। जब हमने कहा कि हम जा रहे हैं मुख्यमंत्री से शिकायत करने तो वहां के अधिकारियों और कर्मियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के यहां जाओ या प्रधानमंत्री के यहां चले जाओ, कुछ नहीं होने वाला। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुये राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देष दिये।
मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को कहा कि देखिए यह क्या हो रहा है। भूमि विवाद और अफसरों की लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अधिकांश मामले स्थानीय थाना और अंचल के हैं। जनता दरबार में यह बात सामने आई कि लोक शिकायत में पारित आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इस बात की जानकारी मिल रही है कि अंचल अधिकारी एवं अन्य अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूदान की जमीन को लेकर वर्ष 2018 में ही पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया था लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई। कमिटी ने अब तक क्या किया, कितना काम हुआ, इसकी समीक्षा करिये।
पश्चिम चंपारण जिले की बगहा-2 की रहने वाली श्रीमती बिमला भारती ने शिकायत करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज मामले में नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं करने तथा अधिकारी द्वारा उसको संरक्षण देने एवं मुझे केस वापस लेने के लिए डराया धमकाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
खगड़िया के गोगरी के रहने वाले श्री राजकिशोर सिंह ने जे0पी0 सेनानी योजना के तहत पेंशन स्वीकृत नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने उनसे विस्तृत जानकारी ली और अधिकारियों को उस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
औरंगाबाद के नवीनगर के श्री श्याम बिहारी तिवारी ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि मेरे पूर्वजों ने विद्यालय के निर्माण हेतु 5 एकड़ भूमि दी थी, उस पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जबकि कुछ लोगों ने उस पर मकान बना लिया है। उक्त जमीन को खाली कराकर उस पर स्कूल का निर्माण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर इस पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
जमुई जिले के बरहट प्रखंड के दिव्यांग श्री गुदान कुमार ने दिव्यांग कोटे से चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी में अपनी नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री से फरियाद की। वहीं मधेपुरा के कुमारखंड के श्री सच्चिदानंद यादव ने पर्चा भूमि का दखल दिलाने के संबंध में अपनी फरियाद की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
सारण जिले के छपरा प्रखंड के श्री हेमंत कुमार ने बी0पी0एस0सी0 कंबाइंड परीक्षा पद्धति के कारण परीक्षा में चांस लैप्स को लेकर शिकायत की। वहीं समस्तीपुर के रोसड़ा के रहने वाले श्री संजीव कुमार सिंह ने सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने में अंचलाधिकारी द्वारा आनाकानी करने की शिकायत की। पटना के दानापुर के श्री विकास कुमार ने जबरदस्ती जमीन कब्जा करने की शिकायत की और कहा कि विरोधी पक्ष के सहयोग के कारण थाने में मेरा आवेदन स्वीकार नहीं हो रहा है। समस्तीपुर के बारिसनगर की श्रीमती नूरी खातून ने कब्रिस्तान की घेराबंदी को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिये।
मुंगेर से आए एक फरियादी ने कहा कि मेरे दादा जी को दान में जमीन मिली थी। उनका इकलौता वारिस मैं हूं। बावजूद इसके मेरी भूमि मुझे नहीं मिल पा रही है। इसके लिए हमने कई अधिकारियों से गुहार लगायी मगर कोई फायदा नहीं हुआ तभी आपके पास गुहार लगाने आया हूं। इस पर मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग को आवेदन भेजते हुए कहा कि इस पर जांच कर इन्हें सहयोग किया जाए।
पूर्णिया के धमदाहा से आए एक फरियादी ने बताया कि उनकी जमीन के खतियान की मूल प्रति उन्हें नहीं दी जा रही है। खाता संबंधित खतियान की मांग किए जाने पर मोटी रकम की मांग की जा रही है। नहीं दिए जाने पर धमदाहा का खतियान नष्ट हो जाने का हवाला देकर उन्हें लौटा दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले की जांच कर उचित कदम उठाया जाए।
एक बुजुर्ग फरियादी ने मुख्यमंत्री से आकर कहा कि ‘‘मैंने पत्नी के नाम पर एक कट्ठा जमीन ली थी। उसमें से थोड़ी सी जमीन भू-अर्जन में चला गया। मैंने भू-अर्जन पदाधिकारी से शिकायत की कि मेरी जमीन का मुझे पैसा मिलना चाहिए। भू-अर्जन पदाधिकारी ने मेरी शिकायत नहीं सुनी। इसके बाद मैंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत की। लोक शिकायत से आदेश हुआ कि मेरा भुगतान किया जाय लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं किया गया। बुजुर्ग की शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने उचित कार्रवाई के निर्देष दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देष दिया कि लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के तहत ऐसे मामले जिसमें फैसला हो गया है लेकिन उसका एक्जीक्यूशन नहीं हो रहा है, सबका पता लगाइये। इन सभी चीजों को देखना बेहद जरूरी है। सारे डिपार्टमेंट से पूरा का पूरा फिगर मांगिये, कहां गड़बड़ी है।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, संबद्ध विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बातचीत की। फोन टैपिंग से जुड़े पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फोन टैपिंग की बात काफी दिनों से सामने आ रही है। इस पर पहले ही चर्चा हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी समझ से इससे जुड़े एक-एक पहलू को देखकर उचित कदम उठाया जाना चाहिए। फोन टैपिंग को लेकर पार्लियामेंट में कुछ सदस्यों ने अपनी बातें रखी हैं। फोन टैपिंग से जुड़े सभी पहलू की जांच करके सच्चाई बाहर आनी चाहिए। फोन टैपिंग को लेकर सरकार ने अपना जवाब पार्लियामेंट में दिया है।
श्री उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा उन्हें पी0एम0 मैटेरियल बताये जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे हमारी पार्टी के साथी हैं, वे कुछ भी बोल देते हैं लेकिन हमारे बारे में ये सब बोलने की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तो सेवक हैं जनता की सेवा कर रहे हैं। ऐसी मेरी कोई न तो आकांक्षा है और न ही कोई इच्छा है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री ओमप्रकाश चौटाला से दिल्ली में हुई मुलाकात को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके प्रति हमारे मन में आज से नहीं बल्कि एक जमाने से सम्मान का भाव रहा है। हम सभी लोग एक जमाने में एक ही दल में रहे हैं, बाद में सभी अलग-अलग दलों में चले गये लेकिन रिश्ता अभी भी बना हुआ है। श्री ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात को लेकर भाजपा की नाराजगी पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर किसी को भी कोई नाराजगी नहीं है। कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। हमलोगों की समाजवादी पृष्ठभूमि है। पुराने संबंध वाले व्यक्ति से मुलाकात करने में भला किसी को क्यों ऐतराज होगा।
‘गठबंधन सरकार चलाने में मुश्किल होती है, हमलोगों की कोई बात नहीं सुन रहा है’ पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी के इस बयान से संबंधित पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पता नहीं है। ये सवाल उन्हीं से पूछिए। हम क्या बता सकते हैं। हमने इस बयान को देखा नहीं है। किसकी बात कौन नहीं सुन रहा है। किससे बात करते हैं, कौन नहीं सुन रहा है ये तो हमको पता नहीं है। गठबंधन की सरकार बहुत दिनों से एक दूसरे के साथ मिलकर अच्छे से काम कर रही है। गठबंधन में यहां तो ऐसी कोई बात नहीं है।
जातीय जनगणना को लेकर सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर बिहार विधानमंडल से वर्ष 2019 और 2020 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा था। इसको लेकर हमलोग हमेशा अपनी बात को रखते रहे हैं लेकिन इस बार विपक्ष की तरफ से एक सुझाव आया कि सबलोगों को मिलकर प्रधानमंत्री जी से अपनी बात कहनी चाहिए। विपक्षी दलों के नेता हमसे मिले और हमने इस पर अपनी सहमति दी। इसको लेकर पत्र भेजने और मिलने के लिये आज ही हम बात कर लेंगे। इस संबंध में कई दलों के लोगों से बातचीत हो चुकी है और मेरे हिसाब से भाजपा को भी इस बात के लिये इंटिमेट किया जा चुका है। क्या करना है और क्या नहीं करना है, ये तो केन्द्र सरकार के ऊपर निर्भर है।
जातीय जनगणना को लेकर भाजपा से तनाव के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये गलत बात है, कोई तनाव नहीं है। समाज में इससे खुशी होगी। जातीय जनगणना हो जायेगी तो समाज में सभी तबके के लोगों को संतोष होगा। हमलोगों को अपना विचार रखना है कितने राज्यों का ये विचार है, कितने राज्यों से कहा जा रहा है लेकिन इस पर आप ये मत समझिये कि किसी जाति को अच्छा लगेगा या किसी को खराब लगेगा। ये सभी के हित में है। जातीय जनगणना अंग्रेजों के जमाने में भी होती थी। अब एक बार जातीय जनगणना हो जायेगा तो अच्छा होगा। इससे एक-एक चीज की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जातीय जनगणना की मांग को लेकर प्रस्ताव पास किया गया है। हमारी पार्टी के सभी सांसदों ने प्रधानमंत्री से मिलने को लेकर पत्र भी दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी समेत सभी पार्टियों में सभी जाति और धर्म के लोग हैं, अपर कास्ट, बैकवर्ड कास्ट, अनुसूचित जाति-जनजाति समेत सभी धर्मों के लोग हैं। अगर जातीय जनगणना को लेकर समाज में किसी प्रकार का डिस्टर्वेंस होने की आशंका होती तो विधानमंडल में सभी दल इसका समर्थन नहीं करते।
केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना की मांग को फिर से खारिज किये जाने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर से इसे कराने के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों का ये ऑप्शन हमेशा ओपेन रहेगा। ये बिल्कुल सही है। हमने तो 1990 में इसको लेकर बात की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 में केन्द्र सरकार की ओर से सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना करायी गयी थी, जिसमें बहुत सारी विसंगतियां थीं, जिसके कारण उसकी रिपोर्ट जारी नहीं की गयी। हमलोग चाहते थे कि उसकी रिपोर्ट को पब्लिश किया जाय। उस समय कहा गया था कि उसके आंकड़े ठीक नहीं थे तो अभी जनगणना के साथ जातीय गणना भी करा दिया जाय।
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