निभाष मोदी, भागलपुर
जहां एक तरफ वैश्विक महामारी का तीसरा लहर आने को तैयार है वही विश्व योग दिवस पर नेहरू युवा केंद्र के सदस्य वह बच्चे बिना मास्क के बिना सोशल डिस्टेंसिंग के कोरोना को न्योता देने के लिए तैयार हैं।
यह कहानी इस्माइलपुर की है ,जहां बच्चे एक मकान के छत के ऊपर योग प्रशिक्षण का कार्य कर रहे हैं, जिस छत की रेलिंग भी नहीं है उस पर योगा करते दिख रहे हैं ।जहां सरकार कोरोना मुक्त भारत बनाने को लेकर कई हथकंडे अपनाने को तैयार हैं और करोड़ों अरबों रुपए खर्च किए जा रहे हैं परंतु कुछ लोग इसे न्योता देकर वापस बुलाने को तैयार हैं। अब ऐसे में प्रश्न उठता है यह योगा फायदेमंद होगा या फिर घाटे का सौदा। आप देख सकते हैं किसी भी बच्चे के चेहरे पर मास्क नहीं है, कोई सोशल डिस्टेंसिंग में नहीं खड़े हैं।
वहीं सरकार परेशान है कोबिड की गाइडलाइन को फॉलो कराने को लेकर। राह चलते अगर आप मास्क नहीं लगाए हैं तो ₹50 का फाइन लिया जाता है लेकिन यहां के महानुभाव पूरे गांव को कोरोना युक्त बनाना चाहते हैं कोरोना मुक्त नहीं। इस सातवें विश्व योगा दिवस पर इस्माइलपुर गांव में योगा प्रशिक्षक पुतुल कुमार और राहुल कुमार ने भी मास्क पहनना उचित नहीं समझा।
इस बार सरकार का साफ-साफ कहना था कि या तो आप वर्चुअल योगा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करें या फिर कोविड के हर शर्तों को मानते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर मास्क लगाकर इसे करें लेकिन इसकी पूर्णरूपेण धज्जियां उड़ते दिखी इस्माइलपुर में। एक छोटे से जगह में लगभग 100 से ज्यादा बच्चों को एकत्रित कर योग प्रशिक्षण दिया जा रहा है, योग राष्ट्रहित के लिए , स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है परंतु कोरोना काल में यह योग कितना फायदेमंद होगा यह आप वीडियो देख कर ही अंदाजा लगा सकते हैं। अभी कोरोना का तीसरा लहर बाकी है शायद इस को पूर्णरूपेण न्योता दिया जा रहा है इस योग प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से।