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21 वीं सदी के भारत में तुष्टिकरण के लिए कोई जगह नहीं- विजय सिन्हा!

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रवि शंकर शर्मा :-

  • इतिहास की भूलों को सुधार व गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर ही बनेगा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’
  • जिन भारतीयों को अपनी संस्कृति पर गर्व नहीं वे राष्ट्र के प्रति वफादार व राष्ट्रनायक नहीं हो सकते

पटना, 30-12-2022

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को ‘ पंजाब स्थापना दिवस महोत्सव’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि
इतिहास में हुई भूलों को सुधार और गुलामी की मानसिकता को त्याग कर ही ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत को बनाने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति को भी छोड़नी होगी। तुष्टिकरण की राजनीति और मानसिकता ने दशकों तक देश का बेड़ा गर्क किया है।

उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति को परवान चढ़ाने के लिए ही जहां देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री को यह कहना पड़ा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक़ अल्पसंख्यकों का है वहीं कांग्रेस के वेटिंग फ़ॉर पीएम कंडीडेट राहुल गांधी को जनेऊ धारण करने से लेकर मस्जिदों, गुरुद्वारों तक में माथा टेकने का ढोंग करना पड़ता है।

श्री सिन्हा ने कहा कि 2014 के बाद से देश तेजी से बदल रहा है। इतिहास की भूलों को सुधार कर देश के शानदार गौरवशाली अतीत से आज की नई पीढ़ी को अवगत कराने की जरूरत है। गौरवपूर्ण अतीत के अभिमान से लबरेज आज के स्वाभिमानी युवा ही स्वामी विवेकानन्द के सपनों के भारत की परिकल्पना को साकार करेंगे।

उन्होंने कहा कि जिन भारतीयों को अपनी संस्कृति और परम्परा पर गर्व नहीं वे राष्ट्र के प्रति न वफादार हो सकते हैं और न ही वे राष्ट्रनायक बन सकते हैं। भारत केवल जमीन का टुकड़ा नहीं बल्कि आस्था और श्रद्धा का परम केंद्र है।

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