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बिना सुरक्षा किट के बिजली तार मरम्मति करने क्यूल नदी में उतरा मजदूर डूबा,24 घंटे बाद मिला शव, हंगामा!

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रिपोर्ट -पुरूषोतम कुमार

–आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम, बिजली विभाग और संवेदक पर लापरवाही का लगाया आरोप

जमुई में बिजली विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है यहां गरीब मजदूर की जान से खिलवाड़ किया गया है। मामला जमुई के खैरमा स्थित क्यूल नदी का है। दरअसल क्यूल नदी में 33 हज़ार बिजली तार पानी के बढ़ते बहाव से गिर गया। उंसके बाद विभाग के अधिकारी व ठीकेदार द्वारा मजदूर को बुलाया गया और बिना सुरक्षा किट के ही नदी में प्रवेश करने का फरमान दे दिया। जिस वजह से नदी में बालू उठाव से बने गड्ढा और पानी का बहाव तेज रहने की वजह से मजदूर की डूबकर मौत हो गई। उंसके बाद स्थानीय तैराक व एनडीआरएफ की टीम के द्वारा खोजबीन शुरू की गई, फिर ड्रोन कैमरे की मदद से मजदूर के शव को 24 घंटे बाद 500 मीटर की दूरी से बरामद किया गया। मृतक मजदूर की पहचान ख़ैरा प्रखंड के जितझिंगोई गांव निवासी सत्येंद्र यादव के पुत्र विवेक यादव के रूप में हुई है।

मामले में आक्रोशित लोगों ने खैरमा पुल के पास सड़क को जाम कर दिया और बिजली विभाग के अधिकारियों व ठीकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। जाम की वजह से सड़क के दोनों तरफ छोटी बड़ी वाहनों की लंबी कतार लग गई। आक्रोष्ट लोगों ने बताया कि कार्यपालक अभियंता, कनीय अभियंता और सहायक अभियंता व ठीकेदार संजय उर्फ डब्बू भालोटिया द्वारा जबरण मजदूर को मोरम्मति कार्य करने के लिए बिना सेफ्टी के नदी में भेजा गया था। जिस वजह से मजदूर विवेक यादव की डूबकर मौत हुई है।

बाइट: मृतक के साथी मजदूर

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