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नवगछिया:- परिजनों द्वारा मृत घोषित की गयी लड़की को पुलिस ने किया जिंदा बरामद!

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भागलपुर से अरविन्द कुमार

29 जुलाई को किया गया बरामद शव आखिर किसका था!

हत्या के आरोप में 5 माह से एक युवक जेल में बंद है!

भागलपूर नवगछिया रंगरा झल्लूदास टोला के परिजनों द्वारा मृत घोषित कर दी गयी 15 वर्षीय लड़की को पुलिस ने जिंदा बरामद किया है,वहीं उक्त लड़की की हत्या के आरोप में एक युवक पाँच माह से जेल में बंद है,लड़की के पिता ने हत्या के मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी।वहीं एक सप्ताह पहले अपने घर लौट आई है।पुलिस को इसकी सूचना मिली तो वह गांव पहुंची और पीड़िता को थाने लाकर पूछताछ की लड़की ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि 9 जुलाई को गांव का ही युवक सुबोध यादव ने अपहरण कर यूपी ले गया था। दो दिन बाद उसने जबरन मुझसे शादी कर ली, फिर दस दिन के बाद सुबोध ने बच्चू यादव नामक एक अधेड़ व्यक्ति के हाथों मुझे बेच दिया, कुछ दिन बाद बच्चू यादव उसे प्रताड़ित करने लगा। किसी तरह उसके चंगुल से वह भाग कर घर पहुंची है। पुलिस ने उसका बयान नवगछिया कोर्ट में दर्ज कराने के बाद मेडिकल जांच कराई है। फिलहाल लड़की पुलिस अभिरक्षा में है। बता दें कि 9 जुलाई को लड़की अपने घर से लापता हो गई थी। पिता ने 11 जुलाई को बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। इसी बीच 29 जुलाई को तीनटंगा कलबलिया धार के पास एक युवती की सिर कटी लाश मिली थी।पिता और अन्य परिजनों ने कपड़े के आधार पर उसकी शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की थी।अज्ञात युवती की सिर कटी लाश मिलने के बाद पिता ने गांव के ही संतोष कुमार पर बेटी की हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने तीन दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और पिछले पांच माह से युवक जेल में कैद है।मृत घोषित लड़की के घर लौटने के बाद अब पुलिस के लिए पता लगाना चुनौती बन गयी है कि धार के पास मिली सिर कटी लाश किसकी थी, इस संबंध में रंगरा थानाध्यक्ष माहताब खान ने कहा कि मामले का नए सिरे से किया जायगा और पता लगाया जायेगा कि 29 जुलाई को बरामद शव किसकी थी और किसने उसकी हत्या की थी,वहीं पुलिस सुबोध व बच्चू यादव की भी तलाश कर रही है।लड़की के परिजनों का कहना है कि शव की शिनाख्त करने में चूक हुई थी।पिता ने बताया कि कलबलिया धार के पास से बरामद सिर कटी लाश लगभग 15 से 20 दिन पुरानी लग रही थी। उस शव से मेरी बेटी का कद काठी मिल रहा था। बेटी के कपड़े के रंग भी बरामद शव के कपड़ों से मेल खा रहे थे, इसलिए हमें लगा कि यह लाश मेरी बेटी की ही है।

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