रिपोर्ट- सुमित कुमार!
-मुंगेर : 15 फरवरी का दिन तारापुर के इतिहास का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है 15 फरवरी, 1932 की दोपहर सैकड़ों आजादी के दीवाने मुंगेर ज़िला के तारापुर थाने पर तिरंगा लहराने निकल पड़े। उन अमर सेनानियों ने हाथों में राष्ट्रीय झंडा और होठों पर ‘वंदे मातरम्’, ‘भारत माता की जय’ नारों की गूंज लिए हँसते-हँसते गोलियाँ खाई जिसमे 34 युवा शहीद हो गए.वही 15 फरवरी शनिवार को शहीद दिवस के राजकीय समारोह के अवसर पर शहीद स्मारक तारापुर में अमर शहीदों के प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जिसमे बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी शामिल होंगे और 100 फीट तिरंगा झंडा को फहराएंगे। यह तिरंगा लगभग सौ फिट से भी ऊंचा तथा तिरंगे की लंबाई 30 फिट तथा चौड़ाई 20 फिट की है, जो पूरे बिहार में अब तक के सबसे ऊंचे तिरंगे के रूप में जाना जाएगा। आईटीसी द्वारा इसका निर्माण कराया गया है ।वही तारापुर वासियों का कहना है की देश के आजादी के दौरान जलियांवाला कांड के बाद दूसरी घटना तारापुर में हुई जिसमें 34 युवा शहीद हो गए। हमलोगो की मांग है की केंद्र और राज्य सरकार मिलकर तारापुर शहीद स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए।