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गिरिडीह (झारखंड ):-अवैध क्रैशर फैक्ट्रियों का धंधा जोरों पर!

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रिपोर्ट: विलियम जेकब

कारवाई के नाम पर एक- दो के खिलाफ केस दर्ज!

बगैर लाईसेंस के संचालित हैं कई क्रैशर, छापेमारी में मिला पत्थरों का स्टॉक!

अवैध तरीके से चल रहे दो क्रैशर फैक्ट्रियों को गिरिडीह खनन टास्क फोर्स ने ध्वस्त कर दिया। तो एक के फैक्ट्री संचालक के खिलाफ मुफ्फसिल थाना में केस दर्ज कराया गया। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के निर्देश पर तीनों क्रेशर मालिकों के खिलाफ कार्रवाई हुई। टास्क फोर्स में शामिल अधिकारियों की टीम मुफ्फसिल थाना पुलिस के सहयोग से अचानक थाना क्षेत्र के कुसुंबा गांव पहुंची। जहां कुछ निश्चित फासलों पर संचालित उमाशंकर और ज्ञान वर्मा के क्रेशर मील को जेसीबी से ध्वस्त करने के साथ सील कर दिया गया। टाॅस्क फोर्स में शामिल अधिकारियों ने यह कार्रवाई दोपहर के करीब किया। इस दौरान पता चला कि उमाशंकर नामक व्यक्ति बगैर किसी सरकारी दस्तावेज के क्रेशर मील का संचालन कर रहे थे। यही नहीं इस पत्थर क्रैशर में बड़े पैमाने पर पत्थरों का स्टाॅक भी नजर आया। इस दौरान क्रेशर में काम कर रहे मजदूरों से जब मिल मालिक को दस्तावेज लेकर बुलाने को कहा गया। तो मजदूरों ने मालिक को पहचाने से इंकार कर दिया।
इस बीच इसी मिल के समीप संचालित ज्ञान वर्मा के क्रैशर मिल में भी टीम ने छापेमारी किया। ज्ञान वर्मा के मिल संचालक के पास कोई दस्तावेज नहीं था। इसके बाद भी बड़े पैमाने पर पत्थरों का स्टाॅक कर अवैध तरीके से क्रैशर मील चलाया जा रहा था। इन दोनों क्रैशर मिलों को अधिकारियों ने ध्वस्त कराते हुए सारे समान जब्त कर लिए। कुसुंबा गांव में इन मिलों से कुछ दूरी पर चल रहे दिनेश वर्मा के क्रैशर मिल में टीम ने छापेमारी की। दिनेश वर्मा भी बगैर लाईसेंस के पत्थरों का अवैध स्टाॅक कर क्रैशर मिल चला रहे थे। हालांकि कार्रवाई के दौरान दिनेश वर्मा के पास सीटीओ के मौजूद होने की बात सामने आई। लेकिन मिल संचालक के पास स्टाॅक को लेकर लाईसेंस नहीं रहने के कारण टाॅस्क फोर्स के पदाधिकारियों ने मिल को सील करते हुए मुफ्फसिल थाना पुलिस में दिनेश वर्मा के खिलाफ अवैध मिल संचालन के आरोप में केस दर्ज कराया।

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