सहरसा के जया के हाथों बनी आचार की खूब है डिमांड, लाखों में कमाई!

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संवाददाता :- विकास कुमार!

सहरसा के जया के हाथों का बना आचार की खूब रहती है डिमांड, कभी एक एक रुपए की हो चुकी थी मोहताज आज लाखों की कर रही कमाई।

कहते हैं ना अगर मन में लगन हो और कुछ करने की जज्बा हो तो हर मुश्किलें आसान सी हो जाती है कुछ ऐसे ही कहानी सहरसा जिले के पतरघट की रहने वाली जया कुमारी की है जया कभी एक-एक रुपए की मोहताज हुआ करती थीलेकिन जया की किस्मत तब बदली जब जया जीविका से जुड़कर खुद का कारोबार शुरू की शुरुआती दौड़ में जया को 50000 का लोन जीविका के द्वारा दिया गया उस लोन के सहारे जया ने आचार का बिजनेस शुरू किया जया अपने इस कारोबार में खूब मेहनत की और लगन से काम कर आगे बढ़ती चली गई आज जया दो से ढाई लाख रुपए कमाई महीने में कर लेती है वही बिहार सहित कई राज्यों में सरस मेला में शामिल भी होती है जया यह भी बताती है कि पहले की स्थिति और आपकी स्थिति में काफी सुधार हुआ है जिंदगी बदल गई है फिर से रोशनी की एक नई किरण मेरी जिंदगी में जगी है और अब घर भी बेहतर तरीके से चल रहा है यही नहीं अच्छे स्कूल में भी बच्चों को पढ़ाते हैं और अच्छी कमाई कर घर की ज़रूरतें भी पूरी कर लेते हैं खुद से आचार तैयार करते है अलग-अलग वैरायटी का आचार तैयार कर अलग-अलग जिलों में सप्लाई भी करते है बाजारों में भी जया के हाथों का बना आचार खूब बिकता है। जया बताती है कि शुरुआती दौड़ में काफी कठिन भरा सफर रहा घर में एक-एक रुपए के मोहताज हो चुके थे पति मजदूरी करते हैं लेकिन कभी काम मिलता है तो कभी काम नहीं मिलता है जिस वजह से घर में काफी समस्या उत्पन्न हो गई फिर जीविका से जुड़े और वहां से जिंदगी बदल गई जीविका ने काफी मदद किया और उन्हीं के मदद से आज इस मुकाम तक पहुंचे है खुद से आचार बनाकर बाजारों में सप्लाई करते हैं यही नहीं अलग-अलग जिलों में भी मेरे हाथों का बनाया हुआ अचार जाता है।

BYTE :- जीविका दीदी जया किशोरी।

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