रिपोर्ट- अमित कुमार!
निगरानी विभाग ने किया संवाददाता सम्मेलन!
बिहार सरकार के निगरानी विभाग ने आज संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर विभाग की विगत दिनों की उपलब्धियों और कार्रवाई का ब्यौरा पेश किया। विभाग के मुख्य सचिव अरविंद चौधरी और एडीजी (विशेष निगरानी इकाई) पंकज दरार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी देते हुए कई महत्वपूर्ण आंकड़े साझा किए।
पटना: निगरानी विभाग के मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने आज आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस साल के पहले 10 महीनों में विभाग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 13 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इन मामलों में घर की तलाशी के दौरान 3 लाख 18 हजार नकद और 5 लाख 88 हजार 321 रुपये मूल्य की ज्वेलरी बरामद की गई।
उन्होंने बताया कि इन 13 मामलों में जांच के दौरान 15 करोड़ 75 लाख 54 हजार 287 रुपये की अवैध संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके अलावा, विभाग ने 21 मामलों में आरोप पत्र विशेष न्यायालय निगरानी में समर्पित किए हैं।
श्री चौधरी ने आगे बताया कि पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने वाले 15 लोक सेवकों को सजा दिलाई गई है। साथ ही, शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के बाद गलत प्रमाण पत्र देने वाले 94 नियोजित शिक्षकों के खिलाफ 94 मामले दर्ज किए गए हैं।
विशेष निगरानी इकाई ने भी इस साल अब तक 6 नए केस दर्ज किए हैं। अपनी स्थापना के बाद से अब तक इस इकाई ने 52 केस दर्ज किए हैं, जिनमें से 26 मामलों में अभियोग पत्र दाखिल किया गया है। 12 मामलों में अचल संपत्ति को जब्त कर राज्य को सौंपा गया है।
बाइट:
अरविंद चौधरी, मुख्य सचिव, निगरानी विभाग
“हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं और आगे भी इस दिशा में हमारी कार्रवाई जारी रहेगी।”
बाइट:
पंकज दरार, एडीजी, विशेष निगरानी इकाई
“विशेष निगरानी इकाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कार्रवाई की है, और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।”