रिपोर्ट- अमित कुमार!
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आज खनिज प्रबंधन से संबंधित एक अहम घोषणा की। बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण निवारण) नियमावली, 2019 में संशोधन कर नई नियमावली को मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति दी गई है। इस संशोधन के तहत खनन पट्टों की नीलामी और संचालन में तेजी लाने के साथ ही अवैध खनन और परिवहन पर सख्त प्रावधान किए गए हैं। पर्यावरणीय स्वीकृति अब विभाग द्वारा एजेंसी के माध्यम से प्राप्त की जाएगी, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी और अवैध खनन पर अंकुश लगेगा।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने खनिज प्रबंधन को अधिक प्रभावी और संगठित बनाने के लिए बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण निवारण) नियमावली, 2019 में संशोधन की घोषणा की है। इस संशोधित नियमावली को 15 अक्टूबर, 2024 को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति दी है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नए प्रावधानों का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, अवैध खनन पर नियंत्रण और राजस्व में वृद्धि है। अब खनन पट्टों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति विभाग द्वारा एजेंसी के माध्यम से ली जाएगी और फिर नीलामी की जाएगी। इससे खनन पट्टों का संचालन तुरंत शुरू हो सकेगा और जानबूझकर किए जाने वाले विलंब पर रोक लगेगी।
संशोधित नियमों के तहत, खनन योजना और पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए समय सीमा तय की गई है। विलंब के लिए दंड का प्रावधान भी जोड़ा गया है, जिससे राजस्व में वृद्धि की संभावना है।
साथ ही, अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए कड़े दंड लागू किए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक के कारावास का प्रावधान है, और खनिजों के परिवहन के लिए वैध ई-चालान अनिवार्य किया गया है।