प्रशान्त कुमार की रिपोर्ट:

बेगूसराय। बरौनी रिफाइनरी में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही पर आपदा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत 18 जून से अभ्यास का परिदृश्य अपराह्न 3 से 5 के बीच में रोड नंबर 7 पर टैंक संख्या 501 के पास इनकमिंग क्रूड पाइपलाइन में गड़बड़ी से पूल फायर था। क्रूड बूस्टर पंप हाउस के पास से आग लगने की सूचना मिलने के बाद रिफाइनरी में आपात स्थिति का सामना करने के लिए दमकल गाड़ियों को सेवा में लगाया गया।

अग्निशमन नियंत्रण से बाहर होने का आकलन करते हुए, ईआरडीएमपी (आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा प्रबंधन योजना) को लागू किया गया।
अपराह्न 04:05 बजे आपदा सायरन बजा और सीआईसी (मुख्य दुर्घटना नियंत्रक) द्वारा एसआईसी (साइट दुर्घटना नियंत्रक) के साथ परामर्श करके इसे आपदा घोषित किया गया। ईआरडीएमपी के अनुसार आपातकालीन आपदा प्रबंधन तुरंत सक्रिय हुआ। अंततः बिना किसी जान-माल की हनी के पर नियंत्रण पाया गया।

बरौनी रिफाइनरी की ओर से तत्काल आपदा प्रबंधन में मुख्य दुर्घटना नियंत्रक ए.के तिवारी, मुख्य महापबंधक (तकनीकी), सीआईसी सलाहकार(रिफाइनरी ऑपरेशन संबंधित विषय) आर. के. झा , मुख्य महाप्रबंधक (टीएस एवं एचएसई), साइट दुर्घटना नियंत्रक एस. के. सरकार , उप महाप्रबंधक (उत्पादन) और अन्य आपदा समन्वयक, सीआईएसएफ टीम, अग्नि एवं सुरक्षा क्रू शामिल थे। साइट दुर्घटना नियंत्रक (एसआईसी) के साथ तालमेल करते हुए पूरी गतिविधि का समन्वयन शुक्ला मिस्त्री, कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख और ए. के. तिवारी , मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी) ने किया। उपरोक्त आपदा परिदृश्य को शाम 05 बजे नियंत्रित कर लिया गया। स्थिति का आकलन करने के बाद सब कुछ सामान्य उद्घोषक स्ट्रेट रन सायरन बजाया गया।
मॉक ड्रिल डी-ब्रीफिंग सत्र नए आपदा नियंत्रक कक्ष में आयोजित किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता शुक्ला मिस्त्री, कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख, बरौनी रिफाइनरी ने की। डी-ब्रीफिंग सत्र बहुत अधिक संवादपूर्ण रहा और वास्तविक घटना के मामले में बेहतर नियंत्रण के लिए सामने आए सभी अनुभवों और कमियों ने विस्तार से चर्चा की गई । सभी कोविड-19 सावधानियों के साथ आपदा अभ्यास किया गया। रिफाइनरी मुख्यालय से प्राप्त विशिष्ट दिशानिर्देशों के अनुसार रिफाइनरी के रणनीतिक स्थानों पर अतिरिक्त कोविड पर्यवेक्षक सह समन्वयकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी ।