रिपोर्ट:निभाष मोदी!
भागलपुर।कब थमेगा हाईवे पर तस्करी व वसूली का खेल।शाम ढलते ही हाईवे पर मौत का तांडव शुरू हो जाता है, आये दिन वसूली का मामला सामने आता है , हर वाहन चालक से वसूली की जाती है ,पैसा नहीं देने पर बाहुबली ठेकेदार मारपीट करते हैं और तो और चालक को मौत के घाट भी उतार देते हैं ।
आखिर इस मामले में प्रशासन कोई सुध क्यों नहीं ले रही। इस विषय पर प्रशासन कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है। कहीं प्रशासन का भी इसमें मिलीभगत तो नहीं ?आए दिन यह वारदात कई सवाल खड़े करते हैं।
ताजा मामला भागलपुर जिले के सबौर थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव के पास की है। इंडिया ईंट भट्ठा के समीप एनएच 80 मुख्य मार्ग पर मंगलवार सुबह अपराधियों ने लूटपाट के क्रम में पिकअप ट्रक चालक की गोली मारकर हत्या कर दी।
बताते चलें जिस वक्त घटना हुई इस वक्त अंधेरा था, वहीं एनएच पर आवागमन भी कम थी।गोली मारने के बाद अपराधी लूटपाट कर वहां से फरार हो गया। इधर ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के तुरंत इसकी सूचना सबौर पुलिस को दी गई, वहीं घटना के एक घंटे बाद तक घायल वहीं तड़पता रहा और पुलिस दो घंटे बाद जब मौके पर पहुंची तब तक चालक की मृत्यु हो चुकी थी। गांव वालों का यह भी कहना हुआ कि यह पहला केस नहीं है, इससे पहले भी नजदीकी थाना किसी भी वारदात में कई घंटे लेट पहुंचती है जिससे बात और भी बिगड़ चुकी होती है। मृत चालक राहुल कुमार (28) ,पिता रामबली यादव, ग्राम ननसूतबीघा, जिला नालंदा का निवासी बताया जा रहा है,जो कि बिहारशरीफ के छबीलापुर के सब्जी मंडी से आम लाने कहलगांव के शिवनारायणपुर जा रहा था। वहां पर मौजूद अन्य ट्रक चालकों व ग्रामीणों के अनुसार बताया गया कि मृतक लगभग कई घंटे तक दर्द से तड़पता रहा , कराहता रहा , लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था ।मृतक सुबह 5:30 तक जीवित था लेकिन पुलिस सुबह सात बजे पहुंची तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी । सबौर पुलिस ने शव को अपने कस्टडी में ले कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बात की जानकारी मृतक के नालंदा में रहने वाले परिवार वालों को भी दी गई। परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। मृतक के वाहन मालिक राजेश कुमार को 2:00 बजे रात्रि में यह सूचना मिली और 2:00 बजे रात्रि में ही उन्होंने नजदीकी थाना को इत्तला करने की कोशिश की लेकिन फोन रिसीव नहीं हो पाया फिर 6:00 बजे सुबह थाना से बात हुई और वह वारदात स्थल पर 7: 00 बजे पहुंचे। साथ ही वाहन चालक राजेश कुमार का कहना है कि उनके पास करीब ₹5000 नगद थे जो नहीं मिले लेकिन उसका मोबाइल घटनास्थल से बरामद किया गया । वहीं दूसरी तरफ मृतक के पिताजी का भी कहना हुआ कि पुलिस अगर समय पर पहुंच जाती तो शायद मेरे बेटे की जान बच सकती थी।