रिपोर्ट – अमित कुमार
अबतक 210 हीं खिलाड़ियों की नियुक्ति होना हास्यास्पद
बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ी नियुक्ति नियमावली के अंतर्गत खेल कोटा से राज्य के विभिन्न विभागों में होने वाली नियुक्तियों पर बिहार विधान परिषद में प्रो.नवल किशोर यादव ने सवाल किया। बिहार सरकार द्वारा 2010 में पहली बार नियुक्ति नियमावली बनाई गई जिसमें सिर्फ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को नौकरी देने की सिफारिश की गयी जिसके तहत महज मात्र 7-8 खिलाड़ियों की नियुक्ति हो सकी। इस नियमावली में 2011 में संशोधन करते हुए अत्यधिक राष्ट्रीय सीनियर प्रतियोगिता में सहभागिता करने वाले वैसे खेलों के खिलाड़ियों की नियुक्ति की गयी जो खेल भारतीय ओलंपिक संघ से मान्यता प्राप्त हो जिसमें मात्र 120 खिलाड़ियों की नियुक्ति हो पायी। इसी तरह 2012 में नियुक्ति नियमावली में संशोधन करते हुए चार वर्षों के अंतराल पर 2015 में खिलाड़ियों से आवेदन मांगे गये जिसमें खिलाड़ियों के लिए भारत सरकार से मान्यता प्राप्त किसी भी खेल में पांच वर्षों में लगातार तीन बार सहभागिता करने वाले खिलाड़ियों की योग्यता समूह घ के लिए इंटरमीडिएट या समूह ग के लिए स्नातक की डिग्री रखी गयी। जिसमें 258 रिक्तियों पर आवेदन मांगे गए। लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के बीच में हीं 2017 में नियमावली में बदलाव कर दिया गया जिससे विभिन्न खेलों के खिलाड़ी प्रभावित हुए जिसमें बॉल बैडमिंटन खिलाड़ी भी शामिल हैं। जबकि नियमानुसार नियुक्ति प्रक्रिया के बीच मे नियमावली को बदलने का नियमन नहीं है। जबकि 258 रिक्तियों के विरुद्ध मात्र 75 खिलाड़ियों की हीं अबतक नियुक्ति हो सकी है। बिहार विधान परिषद सदस्य प्रो.नवल किशोर यादव ने सवाल किया कि बॉल बैडमिंटन खेल को भारत सरकार ने 1961 में मान्यता प्रदान किया। यह खेल 1972 से हीं ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी कॉउन्सिल एवं स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त है।भारत सरकार द्वारा बॉल बैडमिंटन के छः खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से पुरस्कृत कर चुकी है। भारत सरकार के रेलवे बोर्ड,बैंक स्पोर्ट्स बोर्ड,मेजर पोर्ट्स,इसरो,एनएमडीसी,स्टील कंपनियों,कैनरा बैंक,भारतीय डांक-तार विभाग के साथ-साथ तमिलनाडु,कर्नाटक,पुडुचेरी,केरल,आंध्रप्रदेश,तेलंगाना,महाराष्ट्र इत्यादि राज्य सरकारों द्वारा बॉल बैडमिंटन खिलाड़ियों को नौकरी दी जा रही है। साथ हीं साथ बॉल बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त कर देश व राज्य को गौर्वान्वित किया है। जिसके फलस्वरूप राज्य सरकार लगातार 6-7 वर्षों से सम्मानित करते आ रही है। लेकिन जब खिलाड़ियों को भविष्य संवारने की बारी आती है तो राज्य सरकार द्वारा नियमावली में बदलाव कर बॉल बैडमिंटन खिलाड़ियों को नौकरी से वंचित कर दिया जा रहा है। इस संबंध में प्रो.नवल किशोर यादव के एक स्पष्ट वक्तव्य की मांग पर कला,संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने कहा 2023 कि नियुक्ति नियमावली में ओलम्पिक,कॉमनवेल्थ व एशियाड में पदक विजेता खिलाड़ियों को हीं नौकरी देने की बात है। मंत्री ने माना कि बॉल बैडमिंटन खिलाड़ियों की नियुक्ति पर प्रो.नवल किशोर यादव से विचार विमर्श कर अग्रेतर करवाई की जायेगी और अन्य खेलों की तरह बॉल बैडमिंटन खिलाड़ियों को भी सुविधाएं दी जायेगी।
बिहार विधान परिषद सदस्य प्रो.नवल किशोर यादव ने कहा कि राज्य सरकार के पदाधिकारियों द्वारा अपने निकटस्थों को लाभ पहुंचाने के लिए माननीय मंत्री को गुमराह कर नियमावली में बदलाव करते आ रहें हैं जिसका व्यापक नकारात्मक असर राज्य के खेल व खिलाड़ियों पर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 2010 से अबतक लगभग मात्र 210 खिलाड़ियों की नियुक्ति होना हास्यास्पद है। जबकि राज्य सरकार के मापदंड के अनुसार राज्य सरकार के नियुक्ति में 3 प्रतिशत नियुक्ति खेल कोटा पर खिलाड़ियों के नियुक्ति हेतु निर्धारित किया गया है। प्रो.नवल यादव ने खिलाड़ियों के नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर बॉल बैडमिंटन सहित सभी मान्यता प्राप्त खेलों के खिलाड़ियों को नौकरी देने वाला नियमावली बनाने की माँग की है।