मोहम्मद मोती जमुई

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर 26 मई 2021 को भारतीय लोकतंत्र के काला दिवस के रूप में खैरा प्रखण्ड के लालपुर गाँव मे शंभु शरण की अध्यक्षता मनाया गया अध्यता करते हुऐ जिला सचिव शम्भु शरण सिंह ने कहा कि
बिहार में केंद्रीय श्रमिक संगठनों से जुड़े राज्य के विभिन्न ट्रेड यूनियनों व किसान संगठनों से जुड़े विभिन्न किसान संगठनों ने 26 मई को पूरे जिले-प्रखंडों के अपने अपने दफ्तरों,कार्यालयों पर काला झंडा प्रदर्शित कर व कार्यस्थलों पर बांह पर काली पट्टी बांध भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस”मनाया आगे उन्होंने कहा 26 मई का दिन है जब नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में और फिर 2019 में 30 मई को पद की शपथ ली थी। निजीकरण,4 श्रम सहिंता व 3 कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर 26 नवंबर 2020 में ट्रेड यूनियनों द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ हुई देशव्यापी हड़ताल व 3 कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर धरना पर बैठे किसानों के “दिल्ली चलो’ आंदोलन का छठा महीना भी पूरा होता है और इसी दिन एसकेएम के आह्वान पर भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है।
मोदी सरकार पूंजीपतियों -कॉरपोरेटों के हित मे महामारी को लम्बा खींच रही-बाबू साहब
वही आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब ने कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों -कॉरपोरेटों के हित मे महामारी को लम्बा खींच 4 श्रम सहिंता व 3 कृषि कानूनों जैसे काले कानूनों को अमल में लाने तथा निजीकरण को बदस्तूर जारी रखना जारी रखना चाहती है का आरोप लगाते हुये उन्होंने ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डरों पर 6 माह से धरना पर बैठे किसानों की मांगों यथा काले 3 कृषि कानून , 4 श्रम संहिता को रद्द करने, बिजली बिल 2020 वापस लेने और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण बंद करने जैसे मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का 6 महीना आज 26 मई 2021 को पूरा हुआ है। इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से 26 मई 2021 को भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस मना रहा है।
26 मई को किसान आंदोलन का 6 माह पूरा,कानून रद्द किए बगैर किसान घर नहीं लौटेगें-बासुदेब रॉय ।
ऐक्टू जिला प्रभारी बासुदेब रॉय ने कहा कि महामारी की आड़ में मोदी सरकार अपने तानाशाही रवैया पर कायम है। परंतु, किसान संगठनों ने भी ठाना है कि जब तक कला कानून 3 कृषि कानून रद्द नहीं होता, बिजली बिल 2020 वापस नहीं लिया जाता, एमएसपी को कानूनी गारंटी नहीं मिलती है तब तक देश के किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर 6 माह से आंदोलन पर बैठे वे घर वापस नहीं लौटेगें।
मौके पर किसान नेता सुभाष सिंह, सिंटू सिंह, राजू सिंह,रूपेश यादब उपस्थित थे