ग्राउंड जीरो से धर्मेंद्र पांडे

जख्मी मरीज को इलाज़ के बाद लगाया स्लाइन तो पानी का बोलत थमाया परिजन के हाथ में!
,जमीन पर बैठा कर रखा जख्मी तो पानी का बोतल पकडे खड़े दिखे परिजन, जांच केंद्र जाने तक नहीं मिला एस्ट्रेचर!
जमीन पर बैठा जख्मी दो मरीज और दोनों मरीज के हाथों में लगा स्लाइन साथ ही दोनो के पानी का बोतल हाथ मे पकड़े उनके दो परिजन काफी कुछ सरकारी अस्पतालों की हकीकत को बिना कुछ कहे बयान करने के लिए काफी है । कहते है तस्वीर झूठ नही बोलती ओर एक तस्वीर सब कुछ बोल भी देती है ऐसी ही हैरान करने वाली तस्वीर देखने को मिली दरभंगा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीएमसीएच के आपातकालीन सेवा के पास जहाँ दो जख्मी मरीज आपातकालीन सेवा के बाहर डॉक्टर से इलाज़ के बाद बैठे दिखे । जहाँ दोनो मरीज को डॉक्टर की सलाह पर स्वास्थ कर्मी ने स्लाइन तो लगा दिया और पानी का बोतल उनके दो परिजनों के हाथों में थमा कर अपने कर्तव्य का पालन कर उनके हाल पर छोड़ दिया । सरकारी दावों के बीच अस्पताल के व्यवस्था की पोल खोलती तस्वीर देख कोई भी सहज अंदाजा लगा सकता है कि इलाज़ कराने पहुचे मरीज डॉक्टर के सहारे है या भगवान भरोसे जानकारी के मुताबिक घायल सख्स पिता और पुत्र है और दरभंगा के हरिपुर गाव के रहनेवाले है गाव में जमीनी विवाद में झगड़ा हुआ जिसके बाद दोनों घायल इलाज़ के लिए सीधे दरभंगा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के आपातकालीन सेवा में पहुचे जहाँ डॉक्टर साहब ने इलाज़ के बाद दोनों जख्मी को तत्काल स्लाइन चढ़ाने के साथ सिटी स्कैन कराने को कहा । अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी ने भी अपना सेवा धर्म निभाते दोनो घायल को स्लाइन हाथों में लगा दिया और उनके परिजन के हाथों में दोनो पानी का बोतल थमा दिया । ओर सिटी स्कैन कराने की बात कह मरीज को अपने हाल पर छोड़ दिया । इसके बाद बेचारा दिनों मरीज आपातकालीन सेवा के बाहर जमीन पर बैठा मिला इसे सिटी स्कैन जाने तक के लिए एक स्टेचर तक नही मिला न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी सिटी स्कैन तक इन्हें लेजाने के लिए आगे आया नतीजतन कुछ दूर पैदल चलने के बाद स्लाइन का सुई इधर से उधर हो गया और स्लाइन से पानी चढ़ने के बदले स्लाइन के पाईप में खून आने लगा पंद्रह से बीस मिनट तक हाथों में स्लाइन लेकर परिजन मरीज के साथ बैठे रहे दूसरे लोग स्वास्थ्य कर्मी को ठीक करने के लिए बुलाते रहे लेकिन कोई मदद नही की अंत मे हमारी पहल पर उसके स्लाइन को एक स्वास्थ्य कर्मी ने ठीक किया लेकिन एस्ट्रेचर की कमी के कारण उसे तत्काल इसकी सहायता नही मिल पाई ।
क्या कहते हैं जख्मी के परिजन!
जख्मी के परिजन प्रभास कुमार ने बताया कि जमीनी विवाद में झगड़ा हुआ जिसमें बांस के बल्ले से दूसरा पक्ष ने घायल कर दिया जिसके बाद इलाज़ के लिए दरभंगा DMCH अस्पताल आये जहा डॉक्टर साहब ने इलाज़ किया और सिटी स्कैन कराने की बात कही सिटी स्कैन कराने जा रहे थे कोई स्ट्रेचर नही मिला हाथ मे पानी का बोतल पकड़ने में भी परेशानी हो रही है पानी के बोतल हिलने के कारण स्लाइन के पाइप में भी ब्लड आ गया है अब क्या करे पता नही चल रहा है । दस पंद्रह मिनट से ऐसे ही पानी का बोतल पकड़े हुए है कहा ऐसे ही ले जाओ सिटी स्कैन कराने ।




