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ललन ने पूछा-आज भाजपा में अटल-आडवाणी जी का नाम लेने की भी हिम्मत है?

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रिपोर्ट -अनमोल कुमार :-

सुशील मोदी पर किया पलटवार, कहा-आप तिकड़म के माहिर खिलाड़ी हैं
नीतीश से करीबी के कारण आपको किनारे किया गया था, अब नई भूमिका के लिए शुभकामनाएं
नौकरी के बदले जमीन मामले को साक्ष्य न मिलने से बंद कर दिया गया था

पटना : बिहार में एनडीए सरकार के पतन के बाद जदयू पर भाजपा की ओर से सबसे ज्यादा हमलावर राज्यसभा सदस्य व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के बहाने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा पर पलटवार किया है। रविवार को फेसबुक पर बयान जारी करते हुए ललन सिंह ने आरोप लगाया कि 2017 में नीतीश कुमार को भाजपा ने एनडीए में अपमानित करने के लिए शामिल किया था । आईआरसीटीसी और नौकरी के बदले जमीन के मामले में सुबूत न मिलने के कारण फाइलें बंद हुईं। अब भाजपा से जदयू का अलगाव हो गया तो फिर कार्रवाई कराने की मांग कर रहे हैं। उनकी मंशा जनता समझ चुकी है। ललन सिंह ने कहा कि देश देख रहा है कि एमपी, महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद अब झारखंड में भाजपा क्या कर रही है। नरेन्द्र मोदी सरकार की विफलताएं और महागठबंधन व विपक्षी पार्टियों की एकजुटता से 2024 के संभावित परिणाम से भाजपा का डरना साफ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि दीया बुझने से पहले जैसे भभकता है वही स्थिति भाजपा की है।

गठबंधन धर्म सहयोगियों को अपमानित करने से नहीं निभाया जाता
जदयू अध्यक्ष ने सुशील मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश से नजदीकियों के कारण ही भाजपा ने उन्हें हाशिए पर पहुंचा दिया। अब नए रोल में यदि वे पुनर्स्थापित होते हैं तो हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए में कुल कितने सहयोगी थे और आज कितने बचे हैं? क्या आज के भाजपा नेताओं में गठबंधन धर्म का सम्मान करने वाले श्रद्धेय नेता अटल-आडवाणी जी का नाम लेने की भी हिम्मत है? क्योंकि नाम लेते ही किनारे लगा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म सम्मान से निभाया जाता है न कि सहयोगी पार्टियों को अपमानित करने से।
2017 में आईआरसीटी का मामला नीतीश कुमार को महागठबंधन से अलग करने के लिए उठाया गया। एनडीए में नीतीश को लाकर छुटभइये नेताओं से अपमानित करवाया गया। उन्होंने कहा कि आईआरसीटी के मामले में 2017 में चार्जशीट दाखिल हुई। 2022 में इस मामले की फाइल बंद हो गई। अगर कुछ रहता तो ट्रायल हुआ होता। नौकरी के बदले जमीन मामले में 2008 में सीबीआई की प्रारंभिक जांच में साक्ष्य नहीं मिलने के कारण बंद कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि 2005, 2010 और 2017 में जदयू बड़ा था। फिर भी हमने भाजपा को सम्मान दिया। ललन सिंह ने कहा कि 2024 में महागठबंधन की संभावना को देख आप फिर शुरू हो गए। आप तिकड़म चाल के माहिर खिलाड़ी हैं।

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