Report :- Dheeraj Sharma
संघर्षशील अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले सोमवार को भी धरना का सातवां दिन जारी रहा। सातवें दिन धरना की अध्यक्षता संघ के कोषाध्यक्ष डॉ वशी हैदर के द्वारा किया गया। आज धरना स्थल पर सेवानिवृत्त मानविकी संकायाध्यक्ष सह स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ बहादुर मिश्रा आये और उन्होंने संघ को समर्थन देते हुए कहा कि पिछले सात 7 दिनों से अतिथि शिक्षक अभ्यर्थी साक्षात्कार के शेड्यूल जारी करने की मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन को विवश है। उच्च शिक्षा की बेहतरी का जिम्मा जिन हाथों में है, बदकिस्मती से वही हाथ कलुषित हो गए- लकवाग्रस्त हो गए।बिडंबना यह है कि सरकार के मुखिया सब कुछ देख कर भी कुछ नहीं देखते,सब कुछ सुन कर भी,कुछ नहीं सुनते। संघ के क्रांतिकारी साथी डॉ प्रकाश कुमार ने कहा है कि हमारे शिक्षाविद,समाजसेवी संगठन और बुद्धिजीवी वर्ग अस्तित्व खोता तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रति चेतनाशून्य हो रहे हैं। सभी शिक्षाविद कुंभकर्णी निंद्रा में चले गए हैं। शिक्षक संघ,भुस्टा,भूटा और ना जाने किन-किन नामों से चलने वाली संस्थाएं बिल्कुल मौन है। बिल्कुल चुप्प! आखिर ऐसा क्यों? डाॅ मनोहर यादव ने कहा कि क्या कारण है कि छात्रों को मूल प्रमाणपत्र लेने के लिए विश्वविद्यालय को बंद कराना पड़ता है? कुलपति को दिन के उजाले में टॉर्च लेकर ढूंढना पड़ता है। यह उपमाये भागलपुर विश्वविद्यालय के लिए काला अध्याय के रूप में जाना जाएगा। इतिहास इन निरंकुश प्रशासक को कभी माफ नहीं करेगा। संघ के डॉ विश्वनाथ ने कहा कि धरना का कार्यक्रम जारी रहेगा। संघ द्वारा बुधवार को कुलपति और प्रति कुलपति का पुतला दहन कर विरोध जताया जाएगा। धरना स्थल पर संघर्षशील अतिथि शिक्षक अभ्यर्थी संघ के सचिव डॉ अमलेन्दु कुमार अंजन डॉ सौरभ झा डॉ कपिल देव मंडल डॉ रोहित मिश्रा डॉ आलोक वर्धन डॉ मीरा कुमारी डॉ विभु रंजन आदि मौजूद थे।