गंगा दशहरा का महात्म्य, जाने शंखनाद के साथ!

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प़स्तुति – अनमोल कुमार

गंगा जी का अवतरण दिवस है इसलिए गंगा स्नान आदि का विशेष महत्व है दश योगों को मिलकर यह पर्व मनाया जाता है
भागीरथ की तीन पीढ़ियों तक तपस्या करने के बाद मां गंगा जी प्रसन्न हुई और ब्रह्मा जी के कमंडल से त्रिपथ गामिनी के रूप में अवतरित हुई एक धारा स्वर्ग को गई एक धारा नक्षत्र लोक में और एक धारा पृथ्वी पर आई जो शिव जी की जटाओं में धारा का बेग धारण किया फिर भागीरथ के रथ के साथ साथ कपिल मुनि के आश्रम पर समुद्र तट पर राजा सगर के साठ हजार पूर्वजों का उद्धार करते हुए बंगाल की खाड़ी में प्रवेश कर गई ।
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी हस्त नक्षत्र युक्त श्रेष्ठ मानी जाती है। हर हर गंगे ।

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