रिपोर्ट राजीव कुमार झा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सहयोग से चलाए जा रहे हैं
वक्फ संशोधन कानून 2025 के विरोध में 3 मई को मधुबनी हवाई अड्डा में अमानुल्लाह खान के अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजन किया गया ।
इस प्रदर्शन में जिले भर के मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लोग लाखों के तादाद में मौजूद थे।
इस प्रोग्राम में इमारतें सरिया के सचिव फैसल रहमानी, राज्यसभा सांसद डॉक्टर फैयाज अहमद,
, पूर्व उद्योग मंत्री सह विधायक समीर कुमार महासेठ, मनोज कुमार मिश्र, मौलाना जियाउल हक बलिया, मुफ्ती अस्दुल्ला, मौलाना सरफराज, हाफिज अबूबकर, मुफ्ती कासमी मुफ्ती रूहुल्लाह ,मौलाना नुरुल्लाह ,काजी इमदादुल्लाह राशिद फाखरी, राशीद खलील, असलम अंसारी, गयासुद्दीन ,सुल्तान समसी ,इम्तियाज नूरानी, मोहम्मद मुमताज,मोहम्मद साबिर , परवेज हसन दानिश समेत लाखों के तादाद में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद थे।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए मंच पर बैठे बकताओं ने
अपने बयान में कहा, “वक्फ संशोधन कानून 2025 मुसलमानों की धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान पर सीधा हमला है। यह कानून वक्फ संपत्तियों पर सरकारी हस्तक्षेप को कानूनी जामा पहनाने की कोशिश है, जो न केवल अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करता है, बल्कि संविधान द्वारा दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन करता है।
उन्होंने आगे कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर देशभर में इस काले कानून के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। मधुबनी जिला भी इस लोकतांत्रिक संघर्ष का यह कार्यक्रम ऐतिहासिक रूप ले लिया है, जिले के हर पंचायत, हर प्रखंड, हर मोहल्ले और हर वर्ग के लोग इसमें शामिल हुए हैं। उन्होंने
यह भी कहा कि यह आंदोलन किसी एक धर्म या समुदाय का नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का है। उन्होंने कहा, आज यदि वक्फ की संपत्तियों पर हमला होता है, तो कल किसी भी धार्मिक या सामाजिक संस्था की संपत्ति पर सरकार का अधिकार स्थापित किया जा सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि हर न्यायप्रिय और लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला नागरिक इस कानून के खिलाफ खड़ा हो।
उन्होंने कहा कि मधुबनी जिला हमेशा से ही संविधान और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा में अग्रणी रहा है, और इस बार भी यहां के लोग पीछे नहीं हैं।
बताया कि इस जनसभा में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता, बुद्धिजीवी और धार्मिक नेता भी शिरकत किया है। जो वक्फ संशोधन कानून के प्रभावों और इसके कानूनी, सामाजिक तथा धार्मिक पक्षों पर प्रकाश डालें।
अपने बयान के अंत में जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में भरपूर सहयोग मिला। जिस कारण यह विरोध प्रदर्शन पूर्णतः शांतिपूर्ण सफल रहा।
“हमारा उद्देश्य टकराव नहीं, संवाद है; विघटन नहीं, संविधान की रक्षा है,” — इन शब्दों के लिए साथ सभी लोग मधुबनी हवाई अड्डा से अपने घरों को वापस हुए और इसे संविधान, अल्पसंख्यक अधिकार और न्याय की लड़ाई बताया।