रिपोर्टर — राजीव कुमार झा!
बिश्व हिन्दू परिषद मधुबनी के बैनर तले पक्षिम बंगाल मे हो रहे हिन्दूओं पर अत्याचार के खिलाफ मधुबनी सहित पुरे देश मे राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन सौंपा गया। सौंपें गए ज्ञापन के माध्यम से उनसे अनुरोध किया गया है कि पक्षिम बंगाल मे राष्ट्रपति शासन लागू करके, राज्य को सेना के हवाले किया जाए। जिला विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस से संबंधित ज्ञापन मधुबनी जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंपा।
इस अवसर पर प्रेस को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अमरनाथ प्रसाद , जिला मंत्री पंकज मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो हिंदू के ऊपर अत्याचार किया जा रहा है ममता बनर्जी सरकार के द्वारा उस पर शीघ्र रोक लगाई जाए। साथ ही प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री से विश्व हिंदू परिषद के सदस्य ने आग्रह किया है कि पश्चिम बंगाल में शांति प्रदान करने के लिए शीघ्र वहां राष्ट्रपति शासन लागू करें।
वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, उन की हत्या की जा रही है। ऐसा करने के लिए राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है। ईससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बना हुआ है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरतम सजा दिलवानी चाहिए।
मुस्लिम भीड़ द्वारा 11 अप्रैल, 2025 को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था। जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी और यह एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी। इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। इस उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, सैकड़ो हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा ।
उनके पास जाकर उनकी चिंता एवं सहायता करने की अपेक्षा ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामो से मिल रही है। जिनमें से एक इमाम ने एक दिन पहले ही धमकी दी थी कि “अगर ममता बनर्जी ने उनका साथ नहीं दिया तो वह उसकी औकात बता देंगे।” अब ये सारे तथ्य सामने आने पर यह समाचार मिल रहा है कि ममता जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड्यंत्र कर रही है।
आज की बंगाल की स्थिति से यह स्पष्ट है कि
ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है।
बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं।
हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को अनुमति मिल पाती है । उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है।
बंगाल में हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है।तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए विवश है ।
आज यह हिंसा मुर्शिदाबाद से निकलकर संपूर्ण बंगाल में फैलती जा रही है। अब यह बंगाल तक भी सीमित नहीं रहेगी। इसलिए देश की जनता मांग कर रही है कि बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए ।
बंगाल की हिंसा की जांच NIA के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए ।
बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए।
बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए, जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था।
हिन्दू संगठन के लोगों ने केन्द्र सरकार को कहा है कि हमें विश्वास है की राष्ट्र की सर्व भौंमिक्ता और साम्प्रदायिक सदभाव बनाये रखने के लिए आप अविलम्ब और त्वरित कार्यवाही करेंगें।
इस मौके पर मौजूद जिला अध्यक्ष आदित्य सिंह, जिला मंत्री पंकज मेहता, संयोजक तरुण राठौर, त्रिलोक झा, अमरनाथ प्रसाद ,जन्मनजय सिंह, अजय प्रसाद ,मनोज कुमार मुन्ना, मिथलेश झा साहित दर्जनों लोग उपस्थित थें।