रिपोर्ट- धर्मेंद्र कुमार!
बिहार के पूर्वी चम्पारण मोतिहारी का सबसे बड़ा सदर अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है और अबकी बार किसी उपलब्धि के कारण नही बल्कि चोरी को लेकर है जहां सदर अस्पताल के कर्मियों व अधिकारियों की मिलीभगत से यहां के उपस्करों को अवैध ढंग से बेचने का सनसनीखेज मामले का खुलासा मेरे संवददाता ने किया है ।जी हां सदर अस्पताल में लाखों की कीमत के सामानों को चोरी छुपे बेचने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है और इस चोरी को पकड़ा है एक मीडियाकर्मी ने जहां सदर अस्पताल परिसर में रखे गए लाखो रुपये कीमत के सोलर की बैट्री का चोरी हो रहा था वो भी बजाप्ता ट्रक लगाकर,,,।।जैसे ही ये बात शंखनाद को पता चला तो उसने लोडिंग हो रहे स्थान पर जाकर जब इसकी वीडियोग्राफी कर ली तो अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया!
वही जब इस संबंध में शंखनाद संवाददाता ने अस्पताल के मैनेजर कौशल दुबे से पूछताछ की तो उन्होंने पहले तो टालमटोल किया फिर काफी कुरेदने के बाद कहा कि सिर्फ सोलर का बैटरी को लोड कर कचहरी ले जाया जा रहा था और जो लेटर था वो लेटर बेतिया अस्पताल का था और दूसरा लेटर मोतिहारी डीडीसी के नाम पर था इसलिए वो सब समान उतार लिया गया है ।। गलती से सामान लोड हो रहा था ।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर किसकी इजाजत से सदर अस्पताल में ट्रक आया और किसकी इजाजत से उसपर लाखो का सामान लोड हुआ था,,,,।।?
किस कारण से लाखों की बैटरी व लोहे का सामान व अन्य उपकरण को उसपर लोड किया गया और क्यो?
ट्रक पर सामान लोड होने के पूर्व कागजात की जांच क्यों नही की गई?
और क्या शंखनाद संवददाता को अगर जानकारी नही मिलती और इस मामले का खुलासा नही होता और सामान चला जाता तो इसका जिम्मेवार कौन होता ?