रिपोर्ट- अमित कुमार!
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर RJD का हमला, कारी मोहम्मद सोहैब बोले – जदयू ने भाजपा का साथ देकर किया मुसलमानों के अधिकारों पर हमला
पटना, 10 अप्रैल 2025:
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है। आज पटना स्थित राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विधान पार्षद कारी मोहम्मद सोहैब ने जनता दल यूनाइटेड और भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है और जदयू ने भाजपा का साथ देकर एक असंवैधानिक कार्य किया है।
कारी मोहम्मद सोहैब ने कहा कि वक्फ बोर्ड जैसी शरियत आधारित संस्था में गैर-मुस्लिमों को सदस्य बनाना धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह संशोधन जदयू के सुझाव पर हुआ है और क्या वक्फ बाई यूजर की मान्यता खत्म करने की सिफारिश भी इन्हीं की थी?
उन्होंने जदयू के मुस्लिम नेताओं को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने झूठ बोलकर जनता को गुमराह किया है। वहीं राष्ट्रीय जनता दल की ओर से जेपीसी में 18 बिंदुओं पर सुझाव दिए गए थे, जिसे राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज झा ने दिल्ली में और स्वयं कारी सोहैब ने पटना में मजबूती से रखा। उन्होंने कहा कि लोकसभा में सुधाकर सिंह और राज्यसभा में प्रो. झा ने इस विधेयक का विरोध किया और इसके खिलाफ मतदान भी किया। तेजस्वी यादव इस पूरे मामले पर लगातार नजर बनाए हुए थे।
कारी सोहैब ने आरोप लगाया कि बिना किसी सलाह-मशविरा के केंद्र सरकार ने यह विधेयक जबरन पारित करा लिया। इसका मकसद वक्फ सम्पत्तियों पर कानूनी जटिलताओं के माध्यम से कब्जा करना है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक पहचान पर चोट है और संविधान की धारा 26 के तहत मिले अधिकारों का सीधा उल्लंघन करता है।
उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिर ट्रस्ट या चर्च की संपत्ति को नहीं छेड़ा गया, केवल वक्फ की संपत्तियों को निशाना बनाया गया है। सरकार की मंशा वक्फ जैसी संस्थाओं को कमजोर करने और उनकी संपत्तियों पर कब्जा जमाने की है। सच्चर कमिटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सबसे ज्यादा कब्जे वक्फ जमीनों पर ही हुए हैं।
कार्यक्रम में मौजूद राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि यह विधेयक भाजपा का सांप्रदायिक एजेंडा है, जिसे केंद्र सरकार ने संख्या बल के आधार पर पास किया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी सरकार बनी तो इस कानून को रद्द कर दिया जाएगा।
कारी सोहैब ने जदयू के नेताओं पर मुस्लिम उलेमा और मौलानाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अशोक चौधरी जैसे नेताओं को मुसलमानों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने जदयू से मांग की कि वह अपने नेताओं पर कार्रवाई करे।
RJD नेताओं ने कहा कि पार्टी इस विधेयक के खिलाफ केवल सदन और सड़क पर ही नहीं, बल्कि न्यायालय में भी अपनी लड़ाई लड़ रही है। इस संबंध में चार याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय में दायर की जा चुकी हैं।