बक्सर से नाव लेकर महाकुंभ स्नान क़ो निकले युवा, बना चर्चा का विषय!

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बक्सर से धीरज कि रिपोंट

प्रयागराज महाकुम्भ स्नान करने को लेकर बक्सर के कुछ युवको ने ऐसा प्लान बनाया जो चर्चा का विषय बना हुआ हैं और लोग इनके हिम्मत और जुनून को देख दांतो तले उंगली भी दबा रहे है।
बताते चले कि बक्सर जिले के कम्हरिया गांव निवासी युवको ने ट्रेन में भिड़ और हाइवे पर वाहनों की लंबी कतार और 40 किलोमीटर पहले ही वाहनों के रोके जाने की जब खबर देखा तो सभी साथियों ने मिलकर नाव से ही महाकुम्भ की यात्रा प्रारंभ करने का मन बना लिया। और उन्होंने अपनी खुद की नाव पर खाने पीने आदि का सारा व्यवस्था अपने साथ नाव पर रख सफर पर निकल गए।
वही जब ये लोग अपने सफर पर निकले तो गांव के लोगो ने कहा की ये सब पागल हो गया है सब आधे रास्ते लौट आएगा। क्योंकि बक्सर से प्रयाग राज की दूरी आने जाने में लगभग 600 किलोमीटर के आसपास है।
हालांकि बीच रास्ते में ही इनकी आगे जाने का हिम्मत थोड़ा टूटा भी लेकिन मन में यहीं हुआ को वापस लौटेंगे तो गांव वाले मजाक उड़ाएंगे जिसके चलते हिम्मत बना कर प्रयागराज पहुंच वापस लौटने में सफल रहे। इनलोग की इस तरह की ये इतनी लंबी पहली यात्रा थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इनलोगो ने कम्हारिया गांव के गंगा घाट से 11 फरवरी को सुबह 10 बजे यात्रा प्रारंभ किया
लेकिन रास्ते में जिस कठिनाई की उम्मीद नहीं था वह कठिनाई जमानिया तक इनलोगों के सामने आईं। क्योंकि गंगा नदी का जमानिया तक धारा दो हो गया है। जिसके कारण गलती से कभी कभी दूसरे धारा में घुंस जाते थे जो आगे बंद होता था।जिसके कारण वापस होकर फिर मुख्य धारा पकड़ आगे जाने पड़ता था। ये लोग सफर के दौरान रात दिन चलते रहे।केवल एक दो जगह कुछ मिनट के लिए रुके और आखिरकार13 तारीख को रात 1 बजे प्रयाग राज पहुंच गए।संगम से पांच किलोमीटर पहले ही अपनी नाव लगा संगम पर स्नान किया उसके बाद 15 फरवरी को येलोग वापस अपने घर बक्सर पहुंच गए।
गौरतलब है कि ये सफर सबके लिए नहीं है क्योंकि ये सभी आठों युवक दिन रात गंगा नदी में नाव से सफर और मछली मारने का काम करते है।इसलिए सफर में डूबने का कोई डर इनलोगो के अंदर नहीं था।

बाइट-नाव यात्री

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