भाकपा माले की अगुवाई में मधुबनी एकबार फिर लाल झंडा आंदोलन का केंद्र बनेगा- दीपांकार भट्टाचार्य!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झा!

भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य का मधुबनी दौरा,न्यायपूर्ण नया बिहार के लिए 2मार्च के पटना महाजुटान को सफल बनाने का किया आह्वान

भाकपा माले की अगुवाई में मधुबनी एकबार फिर लाल झंडा आंदोलन का केंद्र बनेगा

जनमुद्दे पर राजनीति हो,संविधान ही आगे बढ़ने का आधार

भाजपा की नीतीश सरकार में अफसरशाही और पुलिस बेलगाम तथा भ्रष्टाचार चरम पर — दीपांकर

मधुबनी भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य का अचानक मधुबनी जिला का दौरा हुआ। उनके साथ मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा,एमएलसी शशि यादव, इंसाफ मंच के राज्य का नेता नेयाज अहमद,राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, मयंक कुमार,देवेंद्र साह आदि थे। भाकपा माले के जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण,मदनचंद्र झा,उत्तिम पासवान,योगनाथ मंडल,विजय दास,श्याम पंडित आदि ने बेनीपट्टी के धक्जरी में आए हुए पार्टी नेताओं का स्वागत किया। इस मौके पर अजीत कुमार ठाकुर सहित दर्जनों युवाओं ने लाल गमछा देकर उनका स्वागत किया और मधुबनी में लाल झंडा आंदोलन को फिर से मजबूत करने का संकल्प लिया। बेनीपट्टी में पुलिस प्रताड़ना के शिकार मौलाना फिरोज और उनके परिजनों से पार्टी नेताओं ने मुलाकात की। फिर वहां से कलुआही जाकर कर्नल लक्ष्मेश्वर मिश्रा से मिले और उनके द्वारा संचालित बच्चों के स्कूल को देखा। फिर मधुबनी स्टेशन परिसर स्थित गांधी मूर्ति पर माल्यार्पण किया। जनता और प्रेस के नाम जारी बयान में दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आजादी आंदोलन की सामूहिक उपज बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान को तहस नहस किया जा रहा है। गांधी जी का मानवीय मूल्यबोध खतरे में है। संविधान नहीं बचेगा तो देश नहीं बचेगा और बेहतर समावेशी और समतामूलक समाज का सपना चकनाचूर हो जाएगा।
आगे उन्होंने कहा कि हमारे देश की राजनीति को आमजन के एजेंडा से दूर किया जा रहा है।कॉर्पोरेट्स हित और धार्मिक भावना का दोहन प्रधान हो गया है। आगे उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा की नीतीश सरकार का अंत होना चाहिए। जिस तरह जनता ने 10 साल के केजरीवाल सरकार को बदल दी,उसी तरह इस बार बिहार सरकार को बदला जाना चाहिए। पलायन ही बिहार के लिए रोजगार है, लेकिन बाहर कमाकर अपने परिवार चलाने वाले मजदूरों के प्रति बिहार सरकार उदासीन है।60 साल के ऊपर के सभी लोगों को 3 हजार का मासिक पेंशन और 18 साल से 60 साल तक की सभी महिलाओं को 3000 मासिक सम्मान राशि दी जानी चाहिए। इससे बिहार महा गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकलेगा। उन्होंने कहा कि स्कीम वर्कर्स–आशा,रसोइया,आंगनबाड़ी, ममता,सफाई कर्मी आदि को जीने लायक सम्मानजनक मानदेय/मजदूरी नहीं देना बड़ा नाइंसाफी है। भारत के गणतंत्र के 75 साल गुजर जाने के बाद भी दलित–वंचितों के वास आवास की समस्या का हल नहीं निकलना बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि माले की ताकत अगर बिहार में और बढ़ती है तो दलित वंचितों को ताकत मिलेगी। आगे उन्होंने कहा कि राज्य में जनता के जो ज्वलंत सवाल हैं और जितने तरह के आंदोलन चल रहे हैं उसका महाजुटान 2 मार्च को पटना में हो रहा है। इसमें भाग लेने की अपील उन्होंने लोगों से की।माले के मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा ने कहा कि मधुबनी की आवाज दिल्ली और पटना में कमजोर हो गई है। लाल झंडा आंदोलन से वो ताकत मिलेगी।एमएलसी शशि यादव ने कहा कि महिलाओं को आगे लाकर और कामकाजी महिलाओं को ताकत देकर ही हमारा समाज आगे बढ़ेगा।आशा और रसोइया अपनी ताकत का प्रदर्शन 2 मार्च को पटना में करें और जीविका दीदियों को भी साथ लाएं। लाखों की तादाद की ये कामकाजी महिलाएं इस बार सत्ता परिवर्तन का वाहक बनेगी। मधुबनी से होते हुए गंगासागर भौआड़ा में बीरेंद्र पासवान, सज्जन सदाय, अरबिंद पासवान, सीता देवी सहित दर्जनों पार्टी कार्यकर्ताओं और पर्चाधारियो ने लाल गमछा और फूल की माला पहनाकर दीपांकर भट्टाचार्य धीरेंद्र झा, शशि यादव व जिला सचिव का स्वागत किया. जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण,मयंक यादव और श्याम पंडित ने इस मौके पर कहा कि मधुबनी जिला इस बार जन गोलबंदी का नया इतिहास रचेगा।

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